डीएम के बस डिपो और जिला अस्पताल में औचक निरीक्षण से मचा हड़कंप

ख़बर शेयर करें -

जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने शनिवार को रोडवेज बस अड्डे और जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने डिपो प्रभारी गीता पांडे को निर्देश दिए कि खराब बसों को तीन दिन के भीतर किसी भी कीमत में सही कराकर सड़क पर चलाया जाय। ताकि जनता को रोडवेज का लाभ मिले।

उन्होंने कहा निर्धारित समयावधि अंतर्गत निर्देशों का पालन नही किया तो संबधित के खिलाफ सख्त कारवाई की जायेगी। जिलाधिकारी ने स्टॉफ सहित अन्य व्यवहारिक समस्याओं के लिए उच्च अधिकारियों से पत्राचार करने के निर्देश स्टेशन प्रभारी को दिए। जिलाधिकारी शनिवार की सुबह रोडवेज बस अड्डे बिलौना पहुंचे वहां उन्होंने स्टेशन प्रभारी से डिपो की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि बागेश्वर डिपो के पास कुल 15 बसें हैं जिनमें तीन बस खराब हैं तथा 12 बसें सड़कों पर चल रही हैं।

जिस पर जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश दिए कि किसी भी कीमत में शेष तीन बसों को भी सही करें तथा इनके यात्रा रूट पर चलने की जानकारी उपलब्ध कराएं। कहा कि रोडवेज सेवा प्रमुख सेवा है। आए दिन बसों के खराब होने के कारण यात्रियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है जिससे जनता की शिकायतें आए दिन मिलती हैं। जिलाधिकारी ने संबधित अधिकारियों को आमजन की सुविधा हेतु व्यवस्थाओं को सुगम एवं पारदर्शी बनाने के कड़े निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने बस स्टेशन पर यात्रियों के लिए की गई तमाम व्यवस्थाओं को देखा तथा अधिकारियों से आवश्यक जानकारियां ली। उन्होंने पेयजल, शौचालय, विद्युत सहित अन्य जन सुविधाओं की भी जानकारी ली।

यह भी पढ़ें 👉  अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर बागेश्वर में छात्राओं को किया गया सम्मानित

जिला अस्पताल का निरीक्षण करते हुए उन्होंने चिकित्सालय में व्याप्त गंदगी व फायर उपकरण न पाए जाने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने वार्डो में साफ बिस्तर का प्रयोग करने के निर्देश दिए।

जन औषधि केंद्र बंद होने पर उन्होंने कार्रवाई के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने मरीजों को मीनू के अनुसार गुणवत्तापयुक्त भोजन देने को कहा। शनिवार को जिलाधिकारी अचानक जिला चिकित्सालय पहुंचे तथा निरीक्षण किया। जिलाधिकारी चिकित्सालय की गंदगी देख नाराज हुए पाया कि अग्निशमन उपकरण भी पर्याप्त नहीं हैं। जिस पर जिलाधिकारी खासे नाराज हुए व प्रभारी सीएमएस को शीघ्र ये सभी व्यवस्थाएं दुरस्त रखने को कहा। सुरक्षा व्यवस्था उचित रखने के साथ ही सभी सीसीटीवी कैमरों को सक्रिय रखने के कड़े निर्देश दिए। उन्होंने चिकित्सालय में हो रहे निर्माण कार्य को समयबद्धता के साथ पूर्ण करने के लिए कार्यदायी संस्था से समन्वय कर लगातार मॉनिटरिंग करने को कहा। इसके बाद वे विभिन्न वार्डों में पहुंचे जहां मरीजों से वार्ता की, तथा व्यवस्थाओं पर फीडबैक लिया । जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि मरीजों को साफ बिस्तर उपलब्ध कराया जाय साथ ही मीनू के अनुसार गुणवत्तायुक्त भोजन प्रदान किया जाय जिसमें सफाई का विशेष ध्यान रखा जाय। ट्रामा सेंटर के पास कूड़ा जमा होने पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए इसे नियमित रूप से उठाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने स्टोर रूम के निरीक्षण में पाया कि यहां दवाइयों का रख रखाव सही तरीके से नहीं किया गया है, जिसे सुधारने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दुखी व्यक्ति काफी उम्मीद से यहां आता है इसलिए चिकित्सा कर्मचारियों को चाहिए कि वे उनसे उचित व्यवहार करें तथा हर संभव सुविधा प्रदान करें तथा चिकित्सालय की सुविधाओं का लाभ दें। उन्होंने जननी सुरक्षा योजना, निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण सुविधा की भी जानकारी प्राप्त की। जिला चिकित्सालय में स्थापित जन औषधि केंद्र के बंद होने पर नाराजगी व्यक्त करते सीएमएस को संचालन के लिए उचित कार्यवाही के निर्देश दिए। इसके बाद जिलाधिकारी ने मंडलसेरा में कुंती गधेरे, कपकोट मोटर मार्ग में आरे पास व पगना मोटर मार्ग का निरीक्षण किया। उन्होंने कुंती गधेरे के रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी ली। जिलाधिकारी ने कहा कि स्थानीय लोगों समस्याओं से किस प्रकार निजात दिलाया जाय इस पर योजना बनाई जाय। उन्होंने मंडलसेरा में कुंती गधेरे, कपकोट मोटर मार्ग में आरे पास व पगना मोटर मार्ग संबंधित विभागों द्वारा अब तक किए प्रयासों की जानकारी भी ली। उन्होंने जनहित को ध्यान में रखते हुए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश संबंधित विभागों को दिए। इस दौरान उपजिलाधिकारी मोनिका, डिपो प्रभारी गीता पांडेय,ईई सिंचाई केके जोशी, प्रभारी सीएमएस डॉ गिरिजा शंकर जोशी, तहसीलदार दलीप सिंह, लोनिवि के सहायक अभियंता विजेंद्र मेहरा, आपदा प्रबंधन अधिकारी सिखा सुयाल आदि मौजूद थे।