शीतकाल के लिए बंद हुए गंगोत्री धाम के कपाट, मां गंगा की डोली प्रवास स्थल मुखबा रवाना (वीडियो)

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उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध चार धामों में से एक गंगोत्री धाम के कपाट आज अन्नकूट पर्व पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। बुधवार को ठीक 12:01 पर पूरे विधि विधान के साथ मां गंगा के कपाट बंद किए गए। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे और मां गंगा की डोली अपने शीतकाल प्रवास मुखबा के लिए मां गंगा के जयकारे, आर्मी बैंड की धुन के साथ रवाना हो गई। इस बार गंगोत्री धाम में 6 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। अब मां गंगा के दर्शन शीतकाल प्रवास मुखबा गांव में होंगे।

गंगोत्री धाम के कपाट बुधवार को अन्नकूट पर्व पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। सुबह से ही मंदिर समिति की और से पूजा पाठ और पूरी विधि-विधान के साथ आयोजन किया गया। इसके बाद मंदिर समिति ने कपाट बंद करने की प्रक्रिया पूरी की। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं के मां गंगा के जयकारे के बीच मां गंगा की डोली रवाना हुई। आर्मी बैंड की धुन के साथ कदम से कदम मिलाते हुए डोली ने प्रस्थान किया। बुधवार को मां गंगा की चल विग्रह डोली मार्केंडेय स्थित मंदिर में रात्रि प्रवास करेगी। गुरूवार को डोली मुखबा गांव पहुंचेगी।

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यमुनोत्री, केदारनाथ के कपाट 27 अक्टूबर को बंद किए जाएंगे।

यमुनोत्री धाम के कपाट 27 अक्तूबर को भैया दूज पर 12:09 बजे सर्व सिद्धि योग और अभिजीत मुहूर्त में बंद किए जाएंगे। मां यमुना की डोली अपने शीतकालीन पड़ाव खरसाली के लिए प्रस्थान करेगी। 11वें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ के कपाट 27 अक्टूबर को भैयादूज पर्व पर तुला लगन में प्रातः आठ बजे शीतकाल के लिए बन्द कर दिये जायेगें। कपाट बन्द होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली धाम से रवाना होगी और प्रथम रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी और 29 अक्टूबर को शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में विराजमान होगी। बद्रीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर शनिवार को शाम 3 बजकर 35 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद करने की तिथि का ऐलान भी विजयदशमी पर्व पर किया गया है। उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा ने इस बार नया रिकॉर्ड बना लिया है। चारधाम यात्रा में पहुंचे श्रद्धालुओं का आंकड़ा 40 लाख को पार कर चुका है। जो कि एक नया रिकॉर्ड है। गंगोत्री में 6 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं।