मोदी सरकार में महिला बाल विकास मंत्री राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा सही नहीं लिख पाईं। इंटर पास मंत्री के स्लोगन सही नहीं लिख पाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। कांग्रेस ने मंत्री की शिक्षा सवाल खड़े किए हैं।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार धार जिले में आयोजित तीन दिवसीय प्रवेशोत्सव कार्यक्रम का महिला एवं बाल विकास विभाग की केंद्रीय राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर ने शुभारंभ किया। कार्यक्रम में उन्हें शिक्षा रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना करना था। इससे पहले रथ पर लगे फ्लैक्स पर सावित्री ठाकुर को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्लोगन लिखना था। लेकिन, उन्होंने- बेढी पडाओ बच्चाव लिख दिया।
मोदी मंत्रिमंडल में शामिल राज्यमंत्री ठाकुर ने बायोडाटा में अपनी योग्यता हायर सेकेंडरी लिखी थी। 46 वर्षीय सावित्री ठाकुर बड़ी आदिवासी नेता हैं। वे 2004 से 2009 तक जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं। इसके बाद साल 2014 में पहली बार सांसद बनी थीं। राजनीति में आने के पहले वह एक एनजीओ में कॉर्डिनेटर के पद पर कार्यरत थीं। उन्होंने 12वीं तक पढ़ाई की है और उनके दो बेटे हैं।
कांग्रेस से जिला पंचायत सदस्य मुकाम सिंह अलावा ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष और गंधवानी विधायक उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘ये कैसा नेतृत्व …?? क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को अपनी सरकार में सिर्फ रबर स्टाम्प मंत्री ही चाहिए? जनप्रतिनिधि कैसा होना चाहिए इसका कोई मापदंड तो तय नहीं है, पर कम से कम उसे अक्षरज्ञान तो होना ही चाहिए। धार की सांसद और केंद्रीय मंत्रिमंडल में महिला एवं बाल विकास मंत्री सावित्री ठाकुर तो दो शब्द भी नहीं लिख सकतीं। समझा जा सकता है कि बच्चों ने भी जब उन्हें गलत लिखते देखा होगा तो उनमें क्या भावना आई होगी। उनकी ये अज्ञानता केंद्र सरकार में कैसा नेतृत्व देगी, इसकी सिर्फ कल्पना ही की जा सकती है। ऐसा जनप्रतिनिधि चुनने से पहले मतदाताओं को भी सोचना था। मोदी सरकार को भी पढ़े-लिखे नेता नहीं चाहिए जो सवाल उठाएं। क्योंकि, शिक्षा सिर्फ अक्षर ज्ञान ही नहीं कराती, समाज के उत्थान के प्रति सोच भी बदलती है।’