बागेश्वर। विश्व विख्यात सरयू तट पर हजारों की संख्या में मौजूद भक्त और वातावरण में गूंजती जय माता दी की गूंज में सरोबार गवाह बना भव्य नजारे का, और नजारे को देखकर स्वत: ही भक्तिभाव में डूबे भक्तगण कुछ इस प्रकार विगत नौ दिनों से एतिहासिक नुमाइश खेत मैदान और जिला मुख्यालय के निकटवर्ती क्षेत्र जोशीगांव में चल रही दुर्गा,देवी पूजा की मूर्तियों का आज सरयू नदी में ब्रह्मकपाली शिला के समीप विसर्जन किया गया। इस दौरान हजारों भक्तों ने अगले साल आने का वादा लेकर मां दुर्गा को नम आखों से विदा किया।
शारदीय नवरात्र में नगर के नुमाइशखेत मैदान एवं निकटवर्ती क्षेत्र जोशीगांव में दुर्गा व देवी महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। नौ दिनों तक दुर्गा पंडालों में भक्तों ने मां के दर्शन किए। रोजाना सायंकाल भजन कीर्तन का आयोजन हुआ। अष्टमी पर्व को दुर्गा पूजा कमेटी ने भव्य दीपदान का आयोजन कराया। इसी दिन नगर पूजा कमेटी ने भंडारे का आयोजन कर भक्तों को का प्रसाद बांटा। नवमी को दुर्गा पूजा कमेटी की ओर से भंडारा कराया गया। विजयादशमी की सुबह दोनों पंडालों में पूजा अर्चना की गई। पंडित धर्मानंद शास्त्री, सीतावर जोशी और गणेश पांडे ने पूजा अर्चना करवाई। यजमानों ने हवन यज्ञ किया। जिसके बाद मां दुर्गा सहित भगवान गणेश, कार्तिकेय, लक्ष्मी और सरस्वती माता की मूर्तियों की शोभायात्रा निकाली गई। नुमाइशखेत मैदान से शुरू होकर यात्रा कांडा रोड, अस्पताल रोड, पिंडारी रोड, सरयू पुल तिराहा, माल रोड, एसबीआई तिराहा, तहसील रोड तक पहुंची।
जहां से निकटवर्ती क्षेत्र जोशीगांव से आई मां दुर्गा की शोभायात्रा भी इसमें शामिल हो गई। इस दौरान पूरा क्षेत्र भक्तों के जयकारों से गुंजायमान रहा। देवी पूजा का डोला चौरासी होते हुए नुमाइशखेत के पास सरयू घाट पहुंचा। वही दुर्गा पूजा एवं जोशीगांव की शोभायात्रा बागनाथ गली से सीधे सरयू तट पर पहुंचे। दोनों ओर से बारी-बारी से मां दुर्गा सहित अन्य मूर्तियों को ब्रह्मकपाली शिला के समीप विसर्जन किया गया। इस दौरान वहां हजारों की संख्या में लोगों का तांता लगा रहा। सरयू के दोनों ओर के घाट खचाखच भरे रहे। लोगों ने अपने घरों की छतों से भी विसर्जन और शोभायात्रा का आनंद लिया। हजारों की संख्या में मौजूद भक्तों ने मां को नम आंखों से विदा किया।