पहले कत्यूर महोत्सव का रंगारग आगाज, झांकी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने मोहा मन, कत्यूर घाटी एक झलक का हुआ विमोचन

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बागेश्वर। जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग के प्रसासों से गरुड़ में पहली बार हो रहे कत्यूर महोत्सव का बुधवार को सांस्कृतिक झांकी के साथ आगाज हुआ।  तीन दिवसीय महोत्सव को लेकर आयोजकों के साथ ही स्थानीय लोगों में खासा उत्साह दिखा। ब्लाक प्रमुख हेमा बिष्ट की अध्यक्षता में आयोजित महोत्सव का शुभारंभ मुख्य अतिथि विधायक पार्वती दास, विशिष्ट अतिथि पीएमजीएसवाई अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष शिव सिंह बिष्ट, जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव, विधायक कपकोट सुरेश गाड़िया, जिलाधिकारी अनुराधा पाल व पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। विभिन्न विद्यालयों के बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। इस अवसर पर अतिथियों द्वारा कत्यूर घाटी एक झलक पुस्तक का विमोचन और भकुनखोला मैदान में लगे विभागीय स्टॉलों का अवलोकन किया गया।

बतौर मुख्य अतिथि विधायक पार्वती दास ने कार्यक्रम की सभी को बधाई देते हुए महोत्सव की भव्यता के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि ऐसे महोत्सवों के आयोजनों के माध्यम से हमारे स्थानीय कलाकारों को भी एक मंच प्राप्त होता है और उनकी कला को प्रोत्साहन मिलता है। उन्होंने आयोजकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि लोक महोत्सव, लोक संस्कृति को प्राणवान बनाते हैं। सभी को मिलकर महोत्सव की भव्यता पर ध्यान देना होगा। आने वाली पीढ़ी अपनी संस्कृति से रुबरु हो सकेगी। विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश सरकार निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने क्षेत्रीय जनता से महोत्सव में  बढचढ़ कर भागीदारी करने की अपील की।

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  विशिष्ट अतिथि पीएमजीएसवाई अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष शिव सिंह बिष्ट ने ऐतिहासिक नगरी में आयोजित हमारी संस्कृति एवं परंपराओं को जीवंत रखने वाले आयोजन के  लिए जिला प्रशासन के सराहनीय प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों को अपनी संस्कृति को जानने तथा इसे देश व दुनिया तक पहुंचाने का बेहतरीन माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि महोत्सव जैसे आयोजन हमारी लोक विरासत को संरक्षण प्रदान करने के साथ ही आने वाली पीढ़ी को हमारी लोक संस्कृति से परिचित कराने का कार्य कर रही है। भव्य व दिव्य कत्यूर महोत्सव की परिकल्पना को साकार करने के लिए सभी को मिल कर सहभागी बनना होगा।

  जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव ने कहा कि आने वाले समय में यह महोत्सव इस क्षेत्र की पहचान बनेगा तथा क्षेत्र के विकास में सहायक होगा। सांस्कृतिक परंपराओं को बल मिलेगा। सभी को मिलकर अपनी संस्कृति व सभ्यता को बढ़ाना होगा।

विधायक कपकोट सुरेश गड़िया ने कत्यूर महोत्सव के आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति को प्रत्यक्ष रूप से जानने वाला यह महोत्सव निश्चित रूप से हमारी आगामी पीढ़ी के लिए सामाजिक समरसता को प्रगाढ़ करने का भी कार्य करेगा। प्रदेश सरकार उत्तराखंड की संस्कृति एवं परंपराओं को सहेजने का कार्य कर रही है, जिससे पूरे उत्तराखंड का सांस्कृतिक वैभव बढा रहा है। सरकार मातृशक्ति के सशक्तिकरण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा हमें आगे बढ़ना है तो अपनी परंपराओं और संस्कृति से जुड़े रहना होगा।

जिलाधिकारी अनुराधा पाल सभी का अभिनंदन एवं स्वागत करते हुए कहा कि सभी के प्रयासों से ही  महोत्सव का सफल आयोजन हो पा रहा है।  उन्होंने कहा कत्यूर घाटी का अपना इतिहास है, जिसके महत्व को समझते हुए सभी ने इसके प्रचार प्रसार के लिए प्रशंसनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा आने वाले समय महोत्सव को वृहद रूप देने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने सभी से अधिक से अधिक संख्या में महोत्सव में भागीदारी करने की अपील भी की। अध्यक्षता करते हुए ब्लॉक प्रमुख हेमा बिष्ट ने सभी आगुन्तको का स्वागत किया तथा महोत्सव में सभी के सहयोग की अपेक्षा की।

इस अवसर पर महोत्सव समिति के नंदन अलमिया, घनश्याम जोशी, नीमा वर्मा, मंगल राणा, मोहन जोशी, जगदीश आर्या, जिला पंचायत सदस्य जनार्जन लोहनी, सुनीता आर्या, चंदन बरौलिया, हरीश जोशी, मुख्य विकास अधिकारी आरसी तिवारी, उपजिलाधिकारी मोनिका, सीओ अंकित कंडारी, तहसीलदार तितिक्षा जोशी, पर्यटन अधिकारी पीके गौतम, खंड शिक्षा अधिकारी कमलेश्वरी मेहता, इंद्र सिंह बिष्ट समेत अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी व स्थानीय जनता मौजूद थी।
कार्यक्रम का संचालन चंद्रशेखर बड़सीला द्वारा किया गया।