नामीबिया से आई मादा चीता ‘साशा’ की मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में मौत

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मादा चीता का नाम साशा था और उसे पहले से ही किडनी संक्रमण था। प्रोजेक्ट चीता के लिए सरकार ने करीब 39 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

बीते साल दक्षिण अफ्रीका के नामिबिया से मप्र के श्योपुर कूनो नेशनल पार्क लाए गए चीतों में से एक की मौत हो गई है। इस मादा चीते को किडनी का संक्रमण था जिसके चलते उसकी सोमवार को मौत हो गई। इस चीते का नाम साशा है। जिसे पहले से किडनी में संक्रमण की परेशानी थी।

कूनो नेशनल पार्क के मुताबिक साशा को बड़े बाड़े में बने कंपार्टमेंट नंबर पांच में रखा गया था। यहां उसके साथ एक दूसरी मादा चीता भी थी। साशा में पहले भी इस बीमारी के लक्ष्ण नज़र आ रहे थे और वह खाना भी छोड़ चुकी थी। 22 जनवरी को यह लक्षण दिखाई देने के बाद उसकी जांच की गई और उसमें किडनी संक्रमण की पुष्टी हुई।

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पहले से ही बीमार थी चीता

मादा चीता साशा की किडनी में संक्रमण मिलने पर देहरादून स्थित भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिकों और कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन ने इसकी जांच की है। यहां से नामीबिया से साशा की मेडिकल हिस्ट्री मंगवाकर जांच की गई। इसमें पुष्टि हुई कि भारत लाए जाने से पहले ही चीता की किडनी में संक्रमण था। मेडिकल हिस्ट्री पढ़ने पर डॉक्टरों को पता चला कि 15 अगस्त को मादा चीता के लिए गए सैंपल में क्रिएटिनिन का स्तर 400 से अधिक पाया गया था।

पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर कूनो नेशनल पार्क में इन चीतों को छोड़ा गया था। पहली बार में कुल आठ चीते थे जिसमें साशा भी शामिल थी। इसके बाद फरवरी माह में बारह चीते आए। जिन्हें बाद में कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया। नेशनल पार्क के प्रबंधन ने बताया है कि इस समय बाकी चीतों को नेशनल पार्क में रखा गया है। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने इस प्रोजेक्ट चीता के लिए 38.70 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

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