उत्तराखंड के काॅलेजों में पढ़ाया जाएगा रामचरितमानस का पाठ, जानिए क्या है सरकार की योजना

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उत्तराखंड भारत का पहला प्रदेश है जहां राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू किया गया है। इसकी मूल भावना को पूरा करने के लिए राज्य के हर जिले में एक से दो मॉडल कॉलेज खुलेंगे। जिसमें महत्वपूर्ण बात यह है कि छात्र छात्राएं कॉलेजों में रामचरित मानस का अध्ययन भी कर सकेंगे।

उच्च शिक्षा सचिव शैलेश बगोली का कहना है कि प्रदेश सरकार हर जनपद में कम से कम एक या दो कॉलेजों को मॉडल कॉलेज बनाने का विचार कर रही है और इसके लिए खाका तैयार किया जा रहा है। मॉडल कॉलेजों के खुलने से राष्ट्रीय शिक्षा नीति की मूल भावनाओं को पूरा किया जा सकेगा। छात्र छात्राओं को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षा शास्त्र 2022-23 में एडमिशन दिया जा रहा है।

कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.एनके जोशी का कहना है कि एनईपी को लेकर विश्वविद्यालय में विभिन्न सेल गठित करने के निर्देश दिए गए हैं। नई नीति के तहत छात्र छात्राओं को कॉलेजों में मनपसंद विषय पढ़ने का मौका मिलेगा। बता दें कि को-कैरिकुलम कोर्स के 6 सेमेस्टरों के हर सेमेस्टर में भारतीय ज्ञान परंपरा, रामचरित मानस, ट्रेडिशनल नॉलेज, वैदिक साइंस और वैदिक गणित आदि कई विषय कोर्स रखे गए हैं। फिलहाल की बात करें तो प्रदेश में 12 राज्य विश्वविद्यालय हैं और 119 सरकारी एवं 21 अशासकीय कॉलेज हैं।