बागेश्वर। 25 दिसंबर को राष्ट्रीय कुमाउनी पुस्तकालय स्थापना की दूसरी वर्षगांठ मनाई गई। राष्ट्रीय कुमाउनी पुस्तकालय मंडलसेरा में आयोजित गोष्ठी में में विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों ने विचार व्यक्त कर विगत वर्ष 13 वें कुमाउनी भाषा सम्मेलन की यादों पर प्रकाश डाला।
वृक्ष पुरुष किशन सिंह मलड़ा ने कहा कि 25 दिसंबर को बड़ा दिन माना जाता है और आज के दिन से सूर्य उत्तरायण होने लगता है। और ऋतु में भी खासा परिवर्तन देखने को मिलता है हमें अपनी परंपरा संस्कृति के प्रति सजग रहना चाहिए इसी को देखते हुए विगत सालों से देवकी लघु वाटिका में 25 दिसंबर ऋतु परिवर्तन के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कुमाउनी पुस्तकालय के स्थापना दिवस पर विगत दिनों पुस्तकालय से पाठकों को मिले लाभ के बारे में बताया उन्होंने कहा कि पुस्तकालय के संचालन में साहित्यकारों और वरिष्ठ जनों का विशेष सहयोग मिल रहा है। मलड़ा ने अपनी कविता “एक ही बार” और “फसक” का काव्यपाठ किया।
कार्यक्रम में कुमाउनी कवि राजेश पांडेय ने वर्तमान पारिवारिक परिवेश में बहू की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए “आजकलै की ब्वारी कूं म्यार हाथ खुटां में चढ़क” और मंहगाई पर”दस रूपैं की बीड़ी बीस रूपैं सिगरट महंग हैगो केमू को टिकट ” कविता का काव्यपाठ किया। वरिष्ठ साहित्यकार गोपाल बोरा ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, पहाड़ों में बढ़ते हुए प्रचलन और प्रकृति के बदलते स्वरूप विषय पर प्रकाश डाला और काव्यपाठ किया।
मुख्य अतिथि डायट प्रवक्ता डॉ के एस रावत ने कहा कि हमें अपनी दिनचर्या के साथ साथ संस्कृति सभ्यता को भी संरक्षित कर आगे बढ़ना चाहिए। डॉ रावत ने किशन सिंह मलड़ा द्वारा पर्यावरण और कुमाउनी भाषा के विकास में किए जा रहे कार्यों की सराहना की।उन्होंने “फेसबुक से पता चला कि वो गांव आये थे” , “माठू-माठ” , “जरा यह भी बताओ राजा” विषय पर काव्यपाठ किया।
वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार रमेश प्रकाश ‘पर्वतीय’ ने वृक्ष पुरुष किशन सिंह मलड़ा के द्वारा पौंध भेंट, पौधरोपण, प्रकृति संरक्षण,कुमाउनी भाषा के प्रति लगाव की प्रशंसा करते हुए तेरहवें कुमाउनी भाषा सम्मेलन की यादों पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रीय कुमाउनी पुस्तकालय मंडलसेरा को भाषा के विकास में मील का पत्थर बताया। उन्होंने आगामी उत्तरायणी के अवसर पर उत्तरायणी और बागेश्वर के विषय पर काव्यपाठ किया।
इस मौके पर कुंदन प्रसाद, राजेंद्र सिंह मलड़ा, बालम सिंह मलड़ा, नीमा गोस्वामी, विमला देवी, जोगा सिंह मलड़ा, देबुली देवी,मनीषा मलड़ा, ममता मलड़ा, मोहित गिरी गोस्वामी, दिया बिष्ट,निधि बोरा, हरीश गिरी, रमा देवी आदि मौजूद रहे।