उत्तराखंड हाइकोर्ट ने जिला जज को संगीन आरोपों के तहत किया निलंबित

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उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के निर्देश पर रजिस्ट्रार जर्नल ने आदेश जारी कर हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार जर्नल और रुद्रप्रयाग के जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनुज कुमार संघल को तत्काल प्रभाव से जांच होने तक निलंबित कर दिया है।

उनपर अपने चतुर्थ श्रेणी का उत्पीड़न कर उसे जहर खाने के लिए मजबूर करने का आरोप लगा है।नैनीताल स्थित उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जर्नल ने 3 जनवरी 2024 को एक पत्र जारी किया है। पत्र में कहा गया है कि रुद्रप्रयाग के जिला जज अनुज कुमार संघल पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हरीश सिंह अधिकारी को उत्पीड़ित करने का गंभीर आरोप हैं।यह भी

उनपर आरोप लगा है कि उन्होंने हरीश को धमकाया, जिसके बाद वो आत्महत्या करने पर मजबूर हो गया। हरीश उनके रजिस्ट्रार(विजिलेंस)के कार्यकाल के दौरान उनके आवास पर कार्यरत था और हरीश से अपशब्द कहते हुए नौकरी से निकालने की धमकी देने के आरोप लगाए गए हैं।अनुज कुमार संघल पर हरीश से सवेरे 8 से रात 10 बजे तक गालीगलौच देते हुए काम कराने का आरोप लगाया गया है। संघल पर अनुशासन समिति को 18 नवंबर 2023 को जानकारी देते हुए हरीश के काम करने का गलत समय और काम का गलत प्रकार बताने का आरोप लगा है। हरीश की अर्न लीव को स्वीकृत करने में देर कर अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया गया, जिसके कारण उनकी तनख्वाह निकाली नहीं जा सकी। प्रताड़ित हरीश ने 3 जनवरी 2023 को अनुज कुमार संघल के आवास के बाहर जहर खाया।

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ये अमानवीय और मिसकंडक्ट ऑफ रूल 3(1)व 3(2)ऑफ ऊत्तराखण्ड गवर्नमेंट सर्वेंट कंडक्ट रूल 2002 है। आरोप ये भी है कि उन्होंने हरीश के जहर खाने की ये बात तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश से छिपाई थी।पत्र में ये भी कहा गया है कि निलंबन के दौरान अनुज कुमार संघल चमोली के जिला एवं सत्र न्यायाधीश के कार्यालय में अटैच रहेंगे और उन्हें उनके अलाउन्स नियमानुसार मिलेंगे।

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