अचानक बज उठा सायरन, भूकंप की मिली सूचना, खोज-बचाव को दौड़ पड़े अधिकारी, डीएम ने लिया जायजा

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बागेश्वर। जिला मुख्यालय में आज गुरूवार को किसी भी प्रकार की आपदा की घटनाओं से निपटने की पूर्व तैयारियों को लेकर जिला प्रशासन द्वारा जिला मुख्यालय में भूकंप मॉक ड्रिल (पूर्व अभ्यास) किया गया। मॉक ड्रिल को लेकर बुधवार को ही विभिन्न विभागों के साथ तैयारी बैठक एवं टेबल टॉक एक्सरसाइज की गई। उसके अनुसार ही भूकंप मॉक ड्रिल को संपन्न कराया गया। भूकंप मॉक ड्रिल में प्रशासन के अधिकारियों के साथ ही इंसीडेंट रिस्पॉन्स टीम के अधिकारियों, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व पुलिस बल एवं विभिन्न वॉलिंटियर्स के द्वारा प्रतिभाग किया गया।

माॅकड्रिल करते एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान।



गुरुवार को प्रात: 9 बजे डीसीआर से जिला आपदा कंट्रोल रूम बागेश्वर को प्राप्त सूचना के अनुसार 6.8 मैग्नेटयूट का भूकंप आने से बिलौना स्थित महर्षि विद्या मंदिर का भवन क्षतिग्रस्त होने के कारण लगभग 28 छात्र-छात्राओं व शिक्षकों के प्रभावित होने की सूचना प्राप्त हुई, खबर मिलते ही आपदा प्रबंधन,एनडीआरफ, अग्निशमन, एंबुलेंस समेत विभिन्न टीम राहत बचाव कार्य के लिए मौके पर पहुंची। रिस्पांस टीम ने रेस्क्यू अभियान चलाकर 10 सामान्य घायलों को रेस्क्यू किया, तथा मलबे में दबे 06 व्यक्तियों में से 04 की गंभीर हालत देखते हुए जिला अस्पताल रेफर किया गया, जहां एक व्यक्ति की मृत्यु हो गयी तथा अन्य 02 घालयों का उपचार मेडिकल कैंप में किया गया। इसी बीच विद्यालय भवन क्षतिग्रस्त होने के कारण शार्ट सर्किट से विद्यालय परिसर अंतर्गत एक भवन में आग लगने से भवन की अंदर 12 लोंगो के फसे होने सूचना मिली, जिस पर क्विक रिस्पांस टीम ने रेस्क्यू चलाकर आग पर काबू पाया व 10 व्यक्तियों को सकुशल निकालते हुए घायल 02 व्यक्तियों का मेडिकल कैंप में उपचार किया गया। वहीं भूकंप के कारण बागेश्वर-ताकुला मोटर मार्ग मे बिलौना पगना रोड के निकट पेड़ गिरने से मार्ग अवरुद्ध होने व वाहनों का अनियंत्रित जाम लगने की सूचना प्राप्त हुई, सूचना मिलते ही रिस्पांस टीम जेसीबी व वुड कटर के साथ मौके पर पहुंची व मार्ग को यातायात के लिए सुचारु किया।

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माॅकड्रिल के दौरान सांकेतिक घायल का ईलाज करते चिकित्सक।



मॉक ड्रिल के अंतर्गत भूकंप की सूचना प्राप्त होते ही जिलाधिकारी अनुराधा पाल व आईआरएस के अधिकारी जनपद के आपदा परिचालन केंद्र पहुंचे तथा आईआरएस प्रणाली को प्रभावी किया। जिलाधिकारी ने आपदा परिचालन केन्द्र में पहुंचते ही तत्काल भूकंप के केंद्र एवं हुए नुकसान की जानकारी ली। जिलाधिकारी स्वंय भी स्टेजिंग एरिया व इंसीडेंट एरिया पहुंची, जहां उन्होंने विभिन्न रिसोर्स व राहत एवं बचाव कार्यो व रेस्क्यू अभियान का जायजा लिया। प्रथम जानकारी के अनुसार मॉक ड्रिल के अंतर्गत भूकंप का केन्द्र बिन्दु बागेश्वर मुख्यालय दर्शाया गया। जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने 6.8 रही।

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आपदा की जानकारी मिलते ही आपदा कंट्रोल रूम पहुंची डीएम।



मॉक ड्रिल की समाप्ति के बाद जिलाधिकारी ने आपदा कंट्रोल रूम में आईआरएस के अधिकारियों, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व पुलिस बल के साथ ब्रीफिंग की गई। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि भूकंप मॉक ड्रिल पूर्वाभ्यास पूरी सफलता के साथ संपन्न हुआ। जिसमें सभी टीमों के द्वारा आपसी समन्वय से रिस्पॉन्स टाइम को कम करते हुए सफलतापूर्वक राहत एवं बचाव का कार्य किया। उन्होंने कहा कि किसी प्रकार की आपदा की घटना के उपरांत रिस्पांस टाइम को न्यून करते हुए राहत एवं बचाव के कार्य करना ही सभी की प्राथमिकता है, जिससे होने वाली जनहानि को रोका जा सकता है।

जिलाधिकारी अनुराधा पालस्टेजिंग एरिया डिग्री कॉलेज में विभिन्न रिसोर्स व राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी प्राप्त की।



मॉक ड्रिल में मुख्य विकास अधिकारी आरसी तिवारी, जिला विकास अधिकारी संगीता आर्या, असिस्टेंट कमांडर एनडीआरएफ प्रवीण कुमार ओझा, खंड विकास अधिकारी आलोक भण्डारी, जिला पूर्ति अधिकारी मनोज बर्मन, मुख्य शिक्षा अधिकारी जीएस सौन, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी पंकज श्रीवास्तव, मुख्य कृषि अधिकारी गीतांजलि बंगारी, उद्यान अधिकारी आरके सिंह, तहसीलदार दीपिका आर्या, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल समेत एनडीआरएफ व एसडीआरएस एवं पुलिस बल के अधिकारी व जवान सहित अन्य टीमों के सदस्य मौजूद रहे।