जिला स्तरीय विज्ञान महोत्सव में वज्यूला का शानदार प्रदर्शन, डीएम ने बढ़ाया बाल वैज्ञानिकों का हौसला

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बागेश्वर। राइंका बागेश्वर में आयोजित जिला स्तरीय विज्ञान महोत्सव में अटल उत्कृष्ट पदम सिंह परिहार राजकीय इंटर कॉलेज वज्यूला के बाल वैज्ञानिकों का प्रदर्शन सराहनीय रहा। विद्यालय को विज्ञान ड्रामा में प्रथम, विज्ञान प्रदर्शनी जूनियर (स्वास्थ्य एवं स्वच्छता) में द्वितीय, विज्ञान प्रदर्शनी सीनियर (वर्तमान नवाचार के साथ ऐतिहासिक विकास) में प्रथम और विज्ञान प्रदर्शनी (स्वास्थ्य एवं स्वच्छता) में प्रथम स्थान मिला। सभी विजेता टीमें राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेंगी। महोत्सव का शुभारंभ जिलाधिकारी रीना जोशी, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सुनीता टम्टा, मुख्य शिक्षा अधिकारी जीएस सौन, प्राचार्य डायट डॉ. शैलेन्द्र धपोला द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। महोत्सव में राज्य स्तर पर विज्ञान संगोष्ठी में प्रथम स्थान प्राप्त उत्कर्ष धपोला, थल सेना कैंप में उल्लेखनी प्रदर्शन करने वाले कैडिट नरेन्द्र असवाल व पवन कुंवर को जिलाधिकारी द्वारा सम्मानित किया गया, तथा विज्ञान प्रदर्शनी का अवलोकन कर सराहना की।
बाल वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा हमें वैज्ञानिक सोच विकसित करनी चाहिए, हमारी दिनचर्या में विज्ञान है, हमें अपने ज्ञान को तर्कसंगत बनाना है। उन्होंने कहा कि हमें अंधविश्वासों से दूर रहकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना होगा, इसके लिए ऐसे विज्ञान महोत्सव प्रभावी होंगे। उन्होंने बच्चों से कहा वे अपना लक्ष्य अवश्य बनाएं उसके लिए कडी मेहतन करें तभी लक्ष्य जरूर हासिल होता है। मुख्य शिक्षा अधिकारी व प्राचार्य डायट ने बाल वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से बच्चों का दृष्टिकोण वैज्ञानिक होता है व उनकी समझ वैज्ञानिक होती है तथा उनमें प्रश्न पूछने की जिज्ञासा व तर्क क्षमता विकसित होती है।

प्रधानाचार्य दीप चन्द्र जोशी ने बताया कि विज्ञान महोत्सव के अंतर्गत स्कूल व ब्लॉक स्तर से जनपद स्तरीय विज्ञान महोत्सव में जूनियर वर्ग कक्षा 6 से 8 व सीनियर वर्ग में कक्षा 9 से 12 के 126 बाल वैज्ञानिकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। जनपद स्तर से चयनित बाल वैज्ञानिक राज्य स्तर पर प्रतिभाग करेंगे। कार्यक्रम में शिक्षक पूजा लोहनी, जितेन्द्र कुमार जोशी, अतुल लोहनी, आलोक पांडे, ममता पांडेय, नीरज जोशी, दीप बिष्ट, हेमलता लोहनी, दीक्षा दानू सहित विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक व बाल वैज्ञानिक मौजूद थे।