जिलाधिकारी अनुराधा पाल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जिला योजना, राज्य सेक्टर, केंद्र पोषित, बाह्य सहायतित, बीस सूत्रीय एवं तीस सूत्रीय कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक हुई। डीएम ने विकास योजनाओं के कार्यो में तेजी लाने को कहा। लंबित कार्यो में अपेक्षित गति लाने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने विभागों को विभिन्न योजनाओं और सैक्टर में खर्च की प्रगति बढ़ाने के निर्देश दिए। कहा कि सरकार की योजनाओं को अंतिम छोर तक पहुंचाने के लिए मॉनिटरिंग एवं कार्य योजनाबद्ध तरीके से किया जाय। विभाग कार्यदायी संस्थाओं से निर्माण कार्यो की रिपोर्ट लेते हुए उनका सत्यापन करना सुनिश्चित करें। बीस सूत्रीय कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए कहा कि अधिकांश विभाग ए श्रेणी में है जो अच्छी बात है सभी विभागों से ए श्रेणी को बरकरार रखते हुए आगे भी ऐसे ही कार्य करने की अपेक्षा की गई। जिलाधिकारी ने कहा कि जो विभाग बी,सी या डी श्रेणी में है, वे कार्यों में तेजी लाते हुए ए श्रेणी में आने का प्रयास करें। जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे कार्यदायी संस्थाओं द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्यो का स्वंय निरीक्षण व सत्यापन कर लें ताकि निर्माण कार्य गुणवत्ता के साथ ही समयबद्धता के साथ पूर्ण हो सके। जिलाधिकारी ने राज्य, केंद्र पोषित व वाह्य सहायतित योजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की और अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए। उन्होंने धरातल पर चालू एवं पूर्ण निर्माण कार्यों के सत्यापन के लिए गठित टास्क फोर्स अधिकारियों को जिलाधिकारी ने अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर विकास कार्यो का सत्यापन कर आंख्या अर्थ एवं संख्या विभाग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने की चेतावनी दी।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आरसी तिवारी, अपर जिलाधिकारी एनएस नबियाल,जिला विकास अधिकारी संगीता आर्या, मुख्य शिक्षा अधिकारी जीएस सौन, उद्यान अधिकारी आरके सिंह, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ अनुपमा ह्यांकी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ कमल पंत, अर्थ सख्याधिकारी दिनेश रावत, ईई लोनिवि डीएस कुटियाल, सिंचाई केके जोशी, जल संस्थान डीएस देवडी, ग्रामीण निर्माण विभाग संजय भारती, लघु सिंचाई विमल सुंठा,जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास अनुलेखा बिष्ट, परियोजना अधिकारी उरेडा मयंक नौटियाल समेत अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।