कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे से पार्टी के भीतर तरह तरह की चर्चाओं का दौर चल पड़ा है। पार्टी के नेता अलग अलग बयान दे रहे हैं। इसे लेकर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने भी सोशल मीडिया पर अपनी बात रखी है। अपनी पोस्ट में उन्होंने आज़ाद पर तमाम आरोप लगाए हैं।
फेसबुक पर लिखी पोस्ट में हरीश रावत ने लिखा है कि गुलाम नबी आजाद पार्टी को धोखा देने का मन बहुत पहले से बना चुके थे। जब उन्होंने कुछ साथियों के साथ पहला पत्र लिखा था, उस समय ही उनकी मंशा बिल्कुल साफ थी। फिर भी हम लोगों को उम्मीद थी कि सब ठीक हो जाएगा। इतने सालों का पार्टी से रिश्ता है, वो उसका मूल्य समझेंगे। मगर अनंतोगत्वा भाजपा की बी टीम बनने के लिए गुलाम नबी आजाद ने कई-कई बहानों के साथ पार्टी से नाता तोड़ने का ऐलान किया है। मैं बहाना शब्द इसलिए कह रहा हूं क्योंकि गुलाम नबी साहब लंबे समय तक पार्टी के कर्ताधर्ता रहे हैं। उस समय भी ऐसे ही कुछ मिले-जुले सवाल उठते थे। पार्टी में ऊंच-नीच होता था। मगर जिस प्रकार गुलाम नबी आजाद ने ऐसे समय में पार्टी को धोखा दिया है, वह पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं का अपमान है। पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं ने पिछले दो-तीन महीनों के अंदर पूरी शक्ति लगाकर पार्टी को संघर्ष के लिए तैयार कर दिया है, महंगाई के खिलाफ कांग्रेस की हुंकार रैली और भारत जोड़ो यात्रा ऐतिहासिक होगी। गुलाम नबी आजाद के त्यागपत्र का कार्यकर्ताओं व कांग्रेस के मनोबल पर कोई असर नहीं पड़ेगा।गुलाम नबी आजाद को यह नहीं भूलना चाहिए कि यह कांग्रेस पार्टी व गांधी-नेहरू परिवार ही था जिसने उन्हें देश के नेतृत्व की शीर्ष पंक्ति तक पहुंचाया। गुलाम नबी आजाद को अनंतोगत्वा अपने निर्णय पर पछताना पड़ेगा, वो भाजपा की बी टीम बनकर रह जाएंगे।
(साभार फेसबुक पोस्ट हरीश रावत)