भारतीय सेना की औसत उम्र कम करने को लेकर केंद्र सरकार ने जो दांव चला था वह भारी पड़ता दिख रहा है। सरकार ने साढ़े 17 साल से 21 साल तक के युवाओं को अग्निपथ योजना के तहत 4 साल के लिए सेना में भर्ती करने का जो मसौदा तैयार किया है। उसका घोर विरोध होने लगा है। पूरे देश में युवा सड़कों पर आकर योजना का विरोध कर रहा है। कई जगह हिंसक प्रदर्शन भी हो रहे हैं। इसे लेकर अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी मौन उपवास रखने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया में योजना को लेकर कई बातें लिखी हैं। आप भी पढ़ें योजना को लेकर क्या है हरीश रावत के विचार और योजना के विरोध की तैयारी, जो उन्होंने अपने सोशल मीडिया के माध्यम से दी है।
“अग्निपथवीर, अग्नि जरूर है बेरोजगारी की, पेट के भूख की, एक अनिश्चित भविष्य की और पथ इस सरकार की गलत नीतियां हैं, और वीर हमारे वो नौजवान हैं जो पिछले कई वर्षों से, चार-पांच वर्ष से भी ज्यादा से सेना में रेगुलर भर्ती निकलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं और उसके लिए तैयारियां कर रहे हैं। सरकार ने एक ढकोसला योजना घोषित कर जिसको अग्निपथ वीर योजना कहा गया है। इन नौजवानों की भविष्य पर अंधकार काले बादल थोप दिए हैं, 4 साल बाद क्या होगा! एक अंतर जरूर होगा कि फिर से 2024 में फिर से भाजपा सरकार बने इसके लिए झूठ और कूट, दोनों रचा जा रहा है। 2024 के बाद फिर बेरोजगार यूं ही भटक रहा होगा और फिर न अग्निपथ होगा, न पेट होगा, न रोजगार होगा और न सम्मान होगा! तब केवल भटकाव ही भटकाव होगा! हमारे लिए यह चिंता का विषय इसलिए भी है, हमारी बहादुर रेजिमेंटें, कुमाऊँ रेजीमेंट, गढ़वाल रेजीमेंट, नागा रेजीमेंट आदि ये सारी रेजिमेंटों का एक वीरता का इतिहास है, वर्षों-वर्षों का इतिहास है, उस परंपरा को इस तरीके की योजनाएं लागू कर समाप्त किया जा रहा है। अब आप ही अंदाज लगाइए 10-15 दिन की ट्रेनिंग से किसी को NCC का B सर्टिफिकेट भी नहीं मिलता है और ये उसमें फौज के सिपाही तैयार कर रहे हैं? तो इस धोखेबाज योजना के विरोध में मैं, कल दिनांक-17 जून, 2022 को अपने दिल्ली स्थित आवास पर 1 घंटे का सांकेतिक #मौनउपवास रखूंगा और इसके बाद पार्टी द्वारा निर्धारित जो भी विरोध कार्यक्रम तैयार होगा उसका हिस्सा बनूंगा।”