ब्रेकिंग : बूथ लेवल अधिकारियों का पारिश्रमिक दोगुना, बीएलओ पर्यवेक्षकों समेत ईआरओ और एईआरओ के लिए भी आई खुशखबरी

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चुनाव आयोग ने कहा कि सही और सटीक मतदाता सूचियां लोकतंत्र की आधारशिला हैं। मतदाता सूची तंत्र में निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ईआरओएस), सहायक निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (एईआरओएस), बीएलओ पर्यवेक्षक और बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) की भूमिका अहम होती है।

भारतीय निर्वाचन आयोग ने शनिवार को अपने कर्मचारियों के लिए बड़ी सौगात का एलान किया। चुनाव आयोग ने बूथ लेवल अधिकारियों का पारिश्रमिक दोगुना कर दिया है। इसके साथ ही बीएलओपर्यवेक्षकों का पारिश्रमिक भी बढ़ा दिया गया है। चुनाव आयोग ने ईआरओ और एईआरओ को भी मानदेय देने का फैसला किया है। चुनाव आयोग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, सही और सटीक मतदाता सूचियां लोकतंत्र की आधारशिला हैं। मतदाता सूची तंत्र में निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ईआरओएस), सहायक निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (एईआरओएस), बीएलओपर्यवेक्षक और बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) की भूमिका अहम होती है। सभी कड़ी मेहनत करते हैं। निष्पक्ष और पारदर्शी मतदाता सूची तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए आयोग ने बीएलओ के वार्षिक पारिश्रमिक को दोगुना करने, मतदाता सूची को तैयार करने और संशोधन में शामिल बीएलओपर्यवेक्षकों के पारिश्रमिक में भी वृद्धि करने का निर्णय लिया है। ऐसा अंतिम संशोधन 2015 में किया गया था। साथ ही पहली बार ईआरओएस और एईआरओएस के लिए मानदेय दिया गया। इसके अलावा आयोग ने बिहार से शुरू होने वाले विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के लिए बीएलओएस के लिए 6,000 रुपये के विशेष प्रोत्साहन को भी मंजूरी दी थी। यह फैसला चुनाव आयोग की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसके तहत वे चुनाव कर्मियों को पर्याप्त आर्थिक मदद देने का काम करते हैं। चुनाव कर्मी सटीक मतदाता सूची बनाए रखने, मतदाताओं की सहायता करने और चुनावी प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए क्षेत्र स्तर पर अथक परिश्रम करते हैं।