
नवरात्र और त्योहारी सीजन को देखते खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफ़डीए) अलर्ट मोड पर आ गया है। विभाग की ओर से प्रदेशभर में कुट्टू के आटे की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। एफ़डीए आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि नवरात्र के दौरान उपवास में व्यापक रूप से प्रयुक्त होने वाले कुट्टू के आटे को अब बिना लाइसेंस और पंजीकरण के नहीं बेचा जा सकेगा। कुट्टू का आटा केवल पैकिंग में ही बेचा जाएगा, ताकि उपभोक्ताओं को सुरक्षित व मानक के अनुरूप उत्पाद मिल सके। नियमों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई होगी।
आयुक्त डॉ. कुमार ने एफ़डीए के सभी प्रभारियों, सहायक आयुक्त और अभिहित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि नवरात्र अवधि में उपभोक्ताओं द्वारा उपयोजित खाद्य सामग्री – विशेषकर कुट्टू का आटा निर्माण, पैकिंग, भंडारण, वितरण और विक्रय के दौरान खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006, नियम 2011 और संबंधित विनियमों का सख़्ती से पालन कराया जाए।
चरणबद्ध अभियान की कार्ययोजना
पहले चरण में कुट्टू के आटे के भंडारण, संग्रहण, वितरण और विक्रय करने वाले थोक विक्रेता, डिपार्टमेंटल स्टोर और फुटकर विक्रेताओं को चिन्हित किया जाएगा। उनके यहाँ उत्पाद की जांच के साथ-साथ रखरखाव, भंडारण व लेबलिंग की शर्तों पर बैठकें आयोजित होंगी। ये बैठकें नवरात्र से पहले ही संपन्न कर ली जाएंगी।
दूसरे चरण में नवरात्र के प्रारंभ होने से पूर्व और नवरात्र अवधि के दौरान चिन्हित प्रतिष्ठानों का आकस्मिक व सामान्य निरीक्षण किया जाएगा। बिना वैध खाद्य लाइसेंस-पंजीकरण के कुट्टू के आटे का निर्माण, पैकिंग, संग्रह व विक्रय प्रतिबंधित होगा। खुले में बेचे जा रहे कुट्टू के आटे पर विशेष निगरानी रखी जाएगी और खुले विक्रय को जनस्वास्थ्य के दृष्टिगत हतोत्साहित किया जाएगा। कुट्टू का आटा केवल सीलबंद पैकेट में ही बेचा जाएगा। सीलबंद पैकेट पर पैकिंग तिथि, अवसान तिथि, निर्माता/रिपैकर का पूरा पता, प्रतिष्ठान का नाम और लाइसेंस नंबर अंकित करना अनिवार्य होगा।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और रिकॉर्ड की होगी निगरानी
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म द्वारा खाद्य कारोबारी और उपभोक्ताओं को आपूर्ति व विक्रय पर भी विशेष निगरानी रखी जाएगी। प्रत्येक खाद्य कारोबारकर्ता को कुट्टू के बीज अथवा आटे के क्रय व विक्रय का रिकॉर्ड लिखित रूप में रखना होगा। सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करने पर सम्बन्धित के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। आयुक्त डॉ. कुमार ने निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक जिले में मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के आईडीएसपी सेल से समन्वय करते हुए कुट्टू के आटे के सेवन से बीमार होने संबंधी सूचनाओं पर क्विक रिस्पॉन्स टीम गठित की जाए। यह टीम ऐसी घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई करेगी। नवरात्र अवधि में जनपदों से प्राप्त खाद्य नमूनों की जांच खाद्य एवं औषधि विश्लेषणशाला स्तर पर प्राथमिकता से की जाएगी और जांच रिपोर्ट शीघ्र उपलब्ध कराई जाएगी।
अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के नेतृत्व में राज्य सरकार त्योहारों के दौरान उपभोक्ताओं को सुरक्षित व शुद्ध खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।