बागेश्वर। कोरोना काल की पाबंदियों के चलते दो साल बाद आयोजित हो रहे 10 दिवसीय पौराणिक और ऐतिहासिक उत्तरायणी मेले का रंगारंग झांकी के साथ आगाज हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअली मेले का शुभारंभ किया । झांकी में विभिन्न सांस्कृतिक दलों और शैक्षणिक संस्थानों ने भाग लिया।
झांकी तहसील परिसर से बागेश्वर एसबीआई तिराहे से होते हुए नुमाइश खेत पहुंची। झांकी में उत्तराखंड की लोक संस्कृति के साथ साथ देश भर के अलग अलग राज्यों की लोक संस्कृति की झलक देखी गई ।
झांकी में सरस्वती शिशु मंदिर चौरासी ने हमर त्यार हमर कौतिक राजकीय बालिका इंटर कॉलेज बागेश्वर ने कलश यात्रा विक्टर मोहन जोशी स्मारक राजकीय इंटर कॉलेज बागेश्वर ने बैण्ड और पाण्डव नृत्य, आनंदी एकेडमी बनखोला ने आपण पहाड़ आपण कुमौ, हिमालयन सेंट्रल स्कूल ने केदारनाथ, दीनदयाल उपाध्याय विद्या मंदिर पुरड़ा ने छोलिया नृत्य, महर्षि विद्या मंदिर बिलौना ने एक भारत श्रेष्ठ भारत, विवेकानंद विघा मंदिर इंटर कॉलेज मंडलसेरा ने मिनी इंडिया, राजकीय इंटर कॉलेज मंडलसेरा ने आदिवासी नृत्य, राजकीय जूनियर हाईस्कूल भतरौला ने हिलजात्रा, कंट्रीवाईट पब्लिक स्कूल ने केरल की संस्कृति, ग्रीन वैली पब्लिक स्कूल ने उत्तराखंड संस्कृति परंपरा, हिमालयन चिल्ड्रन एकेडमी ने उत्तराखंड का ग्रामीण परिवेश, गायत्री विद्या मंदिर घिंघारूतोला ने पांडु गाथा का प्रदर्शन कर मेलार्थियों का मन मोहा वहीं जिले के विभिन्न स्थानों से आये छोलिया दलों और मदकोट के विशालकाय नंगारे ने झांकी में चार चांद लगाए।
नहीं पहुंचे सीएम लोग मायूस उत्तरायणी मेले का शुभारंभ सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा किया जाना था जिसे देखते हुए सारी तैयारियां थी लेकिन शुभारंभ के अंतिम क्षणों में लोग मुख्यमंत्री को ढूंढते रहे लेकिन सीएम किसी कारणवश मेले में शिरकत नहीं कर पाए। मुख्यमंत्री ने जुड़ कर मेले का शुभारंभ किया। सीएम के बागेश्वर आने की चर्चाओं के बाद से जनता का उत्साह कम हुआ और लोग मायूस होकर घर लौटे।