बागेश्वर। नाबालिग को घर से भगाने औरउसके साथ दुष्कर्म करने वाले को विशेष न्यायाधीश बागेश्वर एसएमडी दानिश के न्यायालय ने पॉस्को एक्ट के तहत 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी को पांच हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया गया है।
पिछले साल 23 फरवरी 2021 को जाख निवाड़ी भागवत सिंह एक गांव की नाबालिग किशोरी को भगाकर ले गया था। वह किशोरी को लेकर हल्द्वानी, दिल्ली बंगलूरू गया और उसका शरीरिक शोषण किया। जिससे किशोरी गर्भवती हो गई। किशोरी के भाई ने राजस्व उपनिरीक्षक को भगवत सिंह के खिलाफ उसकी बहन को बहला फुसला कर ले जाने की तहरीर दी। राजस्व उपनिरीक्षक ने मामला दर्ज किया और पांच मार्च 2021 को आरोपी को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। किशोरी को भी आरोपी के घर के समीप से बरामद कर लिया गया। किशोरी ने धारा 161 और 164 के तहत दर्ज बयान में युवक पर भगाने और शारिरिक शोषण की बात कही। विवेचना नियमित पुलिस को सौंपने के बाद मामले में धारा 363, 366ए, 376 आईपीसी और पॉक्सो अधिनियम की बढ़ोत्तरी की गई और न्यायालय में आरोप पत्र दायर किया गया। किशोरी और आरोपी की डीएनए जांच सैम्पल लेकर आरोपी को जेल भेज दिया गया। किशोरी को जब न्यायालय में पेश किया गया तो वह अपने पूर्व के बयान से मुकर गई। डीएनए जांच की रिपोर्ट आने पर आरोपी और किशोरी के बायोलॉजिकल माता-पिता होने की बात पुष्ट हुई। विशेष न्यायालय ने आरोपी को दोषी पाते हुए पॉक्सो अधिनियम के तहत सजा सुनाई और धारा 363, 366ए और 376 आईपीसी से दोषमुक्त कर दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक खड़क सिंह कार्की ने पैरवी की।