बैजनाथ के थानाध्यक्ष की भूमिका पर सवाल उठाते हुए गरुड़ तहसील के पचना गांव के निवासियों ने एसपी कार्यालय पर धरना दिया। मामले की निष्पक्ष जांच के लिए बागेश्वर पुलिस या अन्य थाने की पुलिस से जांच कराने की मांग की है।
ग्राम प्रधान प्रकाश कोहली के नेतृत्व में सभी ग्रामीण सोमवार को एसपी कार्यालय पहुंचे। यहां नारेबाजी के साथ धरने में बैठ गए। यहां हुई सभा में सभी ने बैजनाथ की भूमिका पर सवाल उठाए। इस आशय का एक ज्ञापन पुलिस अधीक्षक को सौंपा। ज्ञापन में ग्राम प्रधान व ग्रामीणों का कहना है कि गत वर्ष सात सितंबर को उनके गांव में एसपीसी के तहत सीसी मार्ग व नाली निर्माण कार्य हुआ। इस निर्माण को उमा व उसके पति रमेश सिंह ने दस मीटर पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। जिसकी सूचना उन्होंने हेल्मलाइन 112 को उसी समय दे दी। यह योजना ग्राम पंचायत की खुली बैठक में सर्वसम्मति से पास भी है। जहां निर्माण हुआ वह भूमि महिला की भी नहीं है। सूचना के बाद थानाध्यक्ष बैजनाथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने बगैर राजस्व के अभिलेख देखे उनके साथ अभद्रता की। इससे पहले भी उन्होंने थाने में एक मारपीट के मामले की शिकायत की थी। उस पर भी आज तक कोई कार्रवाई पुलिस ने नहीं की। पुलिस निर्माण कार्य ध्वस्त करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए उन्हीं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है। उन्होंने थानाध्यक्ष की भूमिका पर सवाल उठाए और मामले की जांच की मांग की है। इस मौके पर उनके साथ धरने पर पूर्व प्रधान लक्ष्मण आर्या, भगवती देवी, नीमा देवी, तारा देवी, गंगा देवी, खष्टी परिहार, नीमा देवी, राजन सैन, प्रमोद सिंह, जीतेंद्र सिंह आदि शामिल थे। पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि किसी का अहित नहीं होगा। मामले की निष्पक्ष जांच होगी। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। इसके बाद ग्रामीण मान गए।