बीते मंगलवार उत्तरकाशी में आये हिमस्खलन में देश ने एक उभरती पर्वतारोही को खो दिया है।एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल की एवलॉन्च हादसे में मौत हो गई है।सविता नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की एक कुशल प्रशिक्षक थीं।इसी साल 12 मई को सविता ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8848 मीटर) पर तिरंगा फहराया था।
उत्तरकाशी जिले के लोंथरू गांव की निवासी पर्वतारोही सविता कंसवाल की निम हादसे में मौत हो गई है। सविता ने इसी साल मई माह में 15 दिन के अंदर एवरेस्ट और माउंट मकालू पर्वतों पर सफल आरोहण कर नेशनल रिकॉर्ड अपने नाम किया था।मंगलवार सुबह द्रौपदी का डांडा चोटी में निम के एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स में गए प्रशिक्षकों में शामिल पर्वतारोही सविता की एवलॉन्च में दबने से मौत हो गई।
मंगलवार देर शाम निम के प्रधानाचार्य अमित बिष्ट ने हादसे में एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल की मौत की पुष्टि की। सविता उत्तरकाशी जनपद के साथ साथ उत्तराखंड और देश भर की एक उभरती हुई पर्वतारोही थीं।उन्होंने बेहद कम समय में पर्वतारोहण के क्षेत्र में कई मुकाम हासिल किए थे। सविता ने नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से एडवांस और सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स के साथ पर्वतारोहण प्रशिक्षक का कोर्स किया था।
आपको बताते चलें कि बीते दिवस मंगलवार को सीमांत जनपद उत्तरकाशी में द्रौपदी का डांडा 2 पर्वत चोटी के पास हिमस्खलन हुआ।इसमें अभी तक 7 शव बरामद कर लिए गए हैं. डीजीपी के मुताबिक अभी तक 8 पर्वतारोहियों को सुरक्षित रेस्क्यू कर दिया गया है।अभी तक 25 लोग लापता बताए जा रहे हैं. बचाव और राहत कार्यों के लिए IAF ने 2 चीता हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं, अन्य सभी हेलीकॉप्टरों के बेड़े को किसी भी अन्य आवश्यकता के लिए स्टैंडबाय पर रखा गया है।