सरयू स्नान, उपनयन संस्कार, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के नाम रही मकर संक्रांति, उत्तरायणी मेले में भारी संख्या में उमड़े मेलार्थी, सरयू बगड़ में सजे राजनीतिक दलों के पंडाल

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बागेश्वर। उत्तरायणी मेले के दूसरे दिन भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने सरयू नदी के पावन जल से स्नान किया और बाबा बागनाथ का जलाभिषेक किया। सूरजकुंड में सरयू तट पर सैकड़ो बटुकों के उपनयन संस्कार हुए। सरयू बगड़ में राजनीतिक दलों के पांडाल सजे और नुमाइश के मैदान के मुख्य मंच से रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। मेले का आनंद लेने के लिए भारी संख्या में मेलार्थी उमड़े।


  मकर संक्रांति के दिन भोर होने से पूर्व से ही सरयू नदी में स्नान करने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ने लगी थी। स्नान के बाद भक्तों ने लंबी-लंबी कतार में लगकर बागनाथ मंदिर में भगवान शिव की पूजा अर्चना की।  सूरजकुंड और सरयू तट पर बटुकों के उपनयन संस्कार हुए।

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नुमाइश खेत मैदान में दोपहर से शाम तक विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों और लोक कलाकारों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन कर लोगों का मन मोहा। मैदान के एक छोर पर ओपन वॉलीबॉल प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। इधर मकर संक्रांति की पहचान रहे राजनीतिक दलों के पंडाल भी सरयू बगड़ में सजे।

भाजपा के पंडाल में पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, सांसद अजय टम्टा समेत तमाम वक्ता मौजूद रहे।  कांग्रेस के पंडाल में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा आदि ने सभा को संबोधित किया। उत्तराखंड क्रांति दल और बसपा के पंडाल भी लगे। सशक्त भू कानून को लेकर विभिन्न संगठनों ने सरयू नदी में भू कानून और स्थाई निवास की प्रतियां प्रवाहित की। हालांकि इस बार सरयू बगड़ में दुकानें नहीं लगने से उत्तरायणी मेले का रंग कुछ नीरस सा भी नजर आ रहा है।