देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय भर्ती और सचिवालय सुरक्षा संवर्ग रक्षक भर्ती में नकल का मामला सामने आने के बाद से दरोगा भर्ती को लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे। साल 2015 में हुई इस भर्ती में ऐसे कई अभ्यर्थी शामिल रहे, जो कि नकल के दम पर पुलिस महकमे का हिस्सा बनने में कामयाब रहे। भर्ती घोटाला सामने आने के बाद से इन सभी के चेहरों पर डर साफ देखा जा रहा था। शासन ने जांच कराई और अब पुलिस मुख्यालय ने ऐसे 20 दरोगा को निलंबित कर दिया है, जो कि नकल कर दरोगा बने थे। साल 2015 में हुई दरोगा भर्ती धांधली मामले में विजिलेंस की प्रारंभिक जांच के बाद इनके खिलाफ सख्त ऐक्शन लिया गया है।
जांच पूरी होने तक ये सभी निलंबित रहेंगे। एडीजी कानून व्यवस्था वी मुरुगेशन ने बताया कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट मिली है। इसमें 20 दरोगा का नाम सामने आया है। सभी को सस्पेंड किया गया है। 8 अक्टूबर 2022 को विजिलेंस हल्द्वानी सेक्टर में इस संबंध में मुकदमा दर्ज हुआ था। मुकदमे में कुल 12 आरोपी हैं। बता दें कि यूकेएसएसएससी मामले में जांच के दौरान साल 2015 में हुई दरोगाओं की भर्ती में भी धांधली की बात पता चली थी। यह परीक्षा पंतनगर विश्वविद्यालय ने कराई गई थी। विश्वविद्यालय के कुछ कर्मचारी भी इस घपले में शामिल पाए गए। इस मामले की जांच शासन के निर्देश पर विजिलेंस को दी गई थी। विजिलेंस सेक्टर हल्द्वानी मामले की जांच कर रहा है।