बागेश्वर। प्रदेश के परिवहन एवम समाज कल्याण मंत्री चन्दन राम दास का आकस्मिक निधन हो गया है। उन्होंने जिला चिकित्सालय बागेश्वर में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली। दास का निधन भाजपा के लिए अपूर्णीय क्षति है।
बागेश्वर सुरक्षित सीट से चार बार विधायक व वर्तमान में प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री चन्दन राम दास का आज दोपहर 1 बजे कार्डियक अटैक के कारण आकस्मिक निधन हो गया है। वे 65 वर्ष के थे। सौम्य व मधुर व्यवहार के धनी श्री चंदन राम दास मंगलवार को देर सांय अपने गृह जनपद पहुँचे थे। आज उन्हें जिला योजना की बैठक सहित विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होना था। बुधवार सुबह से उन्हें सांस लेने में दिक्क्त होने लगी थी। जिन्हें लगभग 12 बजे के आसपास जिला चिकित्सालय में आईसीयू में भर्ती कराया गया था। लेकिन उनका स्वास्थ्य लगातार गिरने लगा। ब्लड प्रेशर कंट्रोल ना होने के कारण कार्डियक अटैक पड़ने से उन्होंने अंतिम सांस ली। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ डीपी जोशी ने मंत्री चंदन राम दास के निधन की पुष्टि करते हुए कहा कि उन्हें कार्डियक अटैक पड़ने से उनका निधन हुआ है अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित बागेश्वर विधानसभा में चार बार से लगातार विधायक चुने जा रहे चंदन राम दास (Chandan Ram Das) को इस बार कैबिनेट में जगह मिली है। वह कद्दावर जनप्रतिनिधि के साथ ही संगठन में बेहतर तालमेल के लिए जाने जाते हैं। जनता में भी उनकी लोकप्रियता है। उनका लंबा राजनीतिक अनुभव व पार्टी और संगठन के प्रति निष्ठा की वजह से पर्यवेक्षकों को भी उनके नाम पर मुहर लगाने में कोई दिक्कत नहीं हुई।
छात्र राजनीति से कैबिनेट मंत्री तक
चंदन राम दास का राजनीतिक करियर 1980 में शुरू हुआ। वह 1997 में नगर पालिका बागेश्वर के निर्दलीय अध्यक्ष बने। इससे पूर्व एमबी डिग्री कालेज हल्द्वानी में बीए प्रथम वर्ष में निर्विरोध संयुक्त सचिव बने। 1980 से राजनीति जीवन की शुरूआत की। 2006 में पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी की प्ररेणा पर भाजपा में शामिल हुए। 2007, 2012, 2017 और 2022 में वह लगातार चौथी बार विधायक चुने गए। दास जहां म़ृदभाषी हैं, वहीं विधानसभा (Bageshwar assembly) में उनकी अच्छी पकड़ बताई जाती है। लेकिन तीन बार विधायक चुने जाने के बाद भी वह मंत्री नहीं बन सके थे। क्षेत्र के लोग भी इस बार आशान्वित थे कि यदि इस बार दास जीते तो मंत्री पद के भी दावेदार हो सकते हैं। इस चुनाव में बागेश्वर विधानसभा (Bageshwar assembly) से टिकट को लेकर पूर्व जिपंअ दीपा आर्य भी दावेदार मानी जा रहीं थीं। दास को यह एक चुनौती थी। लेकिन संगठन और लोकप्रियता के कारण उन्हें टिकट मिलने में आसानी हुई।