बागेश्वर। उत्तराखंड की लचर स्वास्थ्य व्यवस्थाएं पटरी पर आने का नाम नहीं ले रही हैं। सूबे के मुख्यमंत्री समेत तमाम जिम्मेदार लोगों के लाखों दावों के बावजूद पर्वतीय क्षेत्रों से गर्भवती महिलाओं बीमार लोगों को अस्पतालों तक पहुंचाने वाली 108 व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पा रही है।
बागेश्वर के जिला अस्पताल में प्रसव के लिए आई गर्भवती महिला को जब डाक्टरों ने अल्मोड़ा के लिए रेफर किया तब परिजनों ने कड़ी मशक्कत से 108 एंबुलेंस बुलाई मगर बागेश्वर से अल्मोड़ा जाते समय 108 सेवा में लगी गाड़ी संख्या यूके 07GA2328 ने कसार देवी के समीप जंगल में दम तोड़ दिया। एंबुलेंस खराब होने से गर्भवती महिला और परिजन अंधेरे में जंगल के बीच सड़क पर परेशान रहे। जिसके बाद परिजनों ने 108 सेवा अल्मोड़ा से संपर्क किया लेकिन अल्मोड़ा से एंबुलेंस आने में लगभग दो घंटे का समय लगना बताया गया।जिसके परिजनों द्वारा निजी एंबुलेंस के जरिए महिला को अल्मोड़ा ले जाया गया। जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने मामले में त्वरित संज्ञान लेते हुए बताया कि इस तरह की समस्या क्यों आ रही है इसकी जांच कराई जाएगी। और इस तरह की घटनाएं दुबारा न हो इसका ध्यान रखा जाएगा।