बागेश्वर।।आपदा के दौरान तुरंत प्रभावितों को राहत पहुंचायें तथा सक्षम अधिकारी आपदा क्षेत्र का मौका मुआयना कर तुरंत ले निर्णय, ताकि अनावश्यक समय बर्बाद न हो, यह बात पशुपालन, दुग्ध विकास, मत्स्य पालन, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, प्रोटोकॉल, कौशल विकास एवं सेवायोजन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने रविवार को विकास भवन सभागार में आपदा प्रबंधन की बैठक लेते हुए कही।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशोंं पर प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा ने आपदा प्रबंधन की बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे 24 घंटे अपना फोन खुला रखेंगे तथा जनप्रतिनिधि व अधिकारी समन्वय के साथ आपदा कार्यो को करें। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की आपदा में सक्षम अधिकारी मौके मुआयना करें। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि आपदा कार्यो के लिए कमेटी का गठन किया जाय, जो आपदा स्थल की जांच कर तुरंत मौके पर ही समाधान कर सकें। उन्होंने कहा कि संवेदनशील सडकों को चिन्हित करते हुए उन स्थानों पर सूचना बोर्ड लगायें जाय, साथ ही नदी किनारे भी सूचना बोर्ड लगाये जाय। नदी के जल स्तर पर पैनी नजर रखी जाय, तथा जल स्तर बढने से पूर्व ही लोगों का आगाह किया जाय। उन्होंने कर्मी गांव में हो रहे भू-स्खलन को देखते हुए उन्हें तुरंत दूसरी जगह अस्थायी रूप से विस्थापित करने के निर्देश दिए। साथ ही आपदा प्रभावित के लिए प्री-फैब्रिकेटेड सैल्टर तैयार करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा अधिकारी आपदा कार्यों को प्राथमिकता से करें तथा आपदा में हुई क्षति की तुरंत सर्वे जांच करते हुए आगणन प्रस्ताव बनाकर जिलाधिकारी को भेजे ताकि धनराशि पुर्ननिर्माण कार्यो के लिए तुरंत अवमुक्त की जा सके।
प्रभारी मंत्री ने कहा कि सडकों के गड्ढों को तुरंत भरा जाय, यदि गड्ढे की वजह से कोर्ई हादसा होने पर संबंधित अभियंता के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के निर्देश दिए। उन्होंने सरयू व गोमती पुलों की जांच करते हुए उनके ढीले नटबोर्ड तत्काल ठीक कराने के साथ ही ब्लैकटॉप कराने के निर्देश भी एनएच अभियंता को दिए। मंत्री ने लंपी बीमारी पर पूर्ण नियंत्रण लगाने के निर्देश प्रभारी सीवीओ को देते हुए क्षेत्रों में चिकित्सका टीमों को भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने नदी किनारे बने गौशालों को चिन्हित करने के निर्देश भी दिए।
जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने बैठक में आपदा प्रबंधन की विस्तृत जानकारियां देते हुए बताया कि आपदा उपकरणों की जांच की गयी है, जो चलनशील है। आपदा से 18 मकान पूर्ण ध्वस्त व 28 भवन आंशिक ध्वस्त हुए है। प्रभावितों को मुआवजा के साथ ही अहेतुक धनराशि भी दे दी गयी है। बाढ नियंत्रण चौकी के साथ ही जल पुलिस तैनात है। अधिक आपदा संभावित क्षेत्र कपकोट में एसडीआरएफ के साथ ही एनडीआरएफ अलर्ट मोड पर तैनात की गयी है। जनपद में आइआरएस टीमें भी अलर्ट मोड पर खी गयी है। आपदा की क्षति जांच एवं आकलन के लिए 18 टीमें तैनात की गयी है, जो अपनी रिपोर्ट जिला कार्यालय को उपलब्ध करा रही है। अस्थायी हैलीपैड चिन्हित है, तथा पूर्ति विभाग द्वारा ऊपरी क्षेत्रों में सितबंर तक का खाद्यान्न वितरित किया गया है तथा स्वास्थ विभाग के पाास पर्याप्त दवायें उपलब्ध है तथा चिकित्सक तैनात है। सभी विभागों के पास उपलब्ध संसाधनों की इंन्वेंट्री बनायी गयी है, ताकि आपदा के दौरान संसाधनों का त्वरित उपयोग किया जा सके। सडकों के दोनों छोरो पर 49 जेसीबी तैनात किए गए है, ताकि सडक बंद होने की दशा मे तुरंत यातायात सुचारू किया जा सके। उन्होंने बताया कि सडकों की नालियां बनायी गयी है तथा कमलठ भी खोले गये है। जनपद में अब तक 329 एमएम वर्षा रिकार्ड हुई है। वर्षाकाल में अब तक 657 लाख धनराशि की लगभग 100 परिसंपत्तियां क्षतिग्रस्त हुई है।
विधायक सुरेश गढिया ने सभी अधिकारियों को क्षेत्रों का भ्रमण करते हुए आपदा क्षेत्रों में त्वरित राहत पहुंचाने के निर्देश दिए साथ ही बंद सड़कों को कम से कम समय में खोलने के भी निर्देश दिए।
बैठक में अध्यक्ष जिपं बसंती देव, ब्लॉक प्रमुख गोविन्द दानू, भाजपा जिलाध्यक्ष इन्द्र सिंह फस्र्वाण, महामंत्री संजय परिहार, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रहलाद कोंडे, अपर जिलाधिकारी सीएस इमलाल, मुख्य विकास अधिकारी आरसी तिवारी, प्रभागीय वनाधिकारी उमेश तिवारी, परियोजना निदेशक शिल्पी पंत, उपजिलाधिकारी मोनिका, हरगिरि, जिला विकास अधिकारी संगीता आर्या, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. डीपी जोशी, मुख्य शिक्षा अधिकारी जीएस सौन, अधि0अभि0 लोनिवि राजकुमार, पीएमजीएसवाई विजय कृष्ण, सिंचाई केके जोशी, जल संस्थान सीएस देवडी, जल निगम वीके रवि, जिला पूर्ति अधिकारी मनोज बर्मन, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत राजेश कुमार, आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।