भैया दूज के पावन दिवस श्री केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। बुधवार सुबह विधि-विधान के साथ कपाट बंद होने के बाद सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों के साथ बाबा की पंचमुखी विग्रह मूर्ति शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना हुई। पंचमुखी डोली तीर्थयात्रियों के साथ सेना के बैंड बाजों के साथ पैदल प्रथम पड़ाव रामपुर को चली तो भारी संख्या में श्रद्धालु भी बाबा केदार के जयकारों के साथ डोली के साथ धाम से रवाना हुए। अब अगले छह माह बाबा के दर्शन श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होंगे।
बुधवार भोर काल में बाबा केदारनाथ मंदिर खुलने के बाद चार बजे से कपाट बंद करने की समाधि पूजन प्रक्रिया शुरू हुई। मुख्य पुजारी शिवलिंग ने भगवान केदारनाथ के स्यंभू ज्योर्तिलिंग को श्रृंगार रूप से समाधि रूप दिया। ज्योर्तिलिंग को बाघांबर, भृंगराज फूल,भस्म, स्थानीय शुष्क फूलों- पत्तों आदि से ढ़क दिया गया। इसके साथ ही भकुंट भैरव नाथ के आव्हान के साथ ही गर्भगृह तथा मुख्य द्वार को जिला प्रशासन की मौजूदगी में बंद किया गया। इसके साथ ही पूरब द्वार को भी सीलबंद किया गया।कपाट बंद होने के अवसर पर मंदिर को विशेष रूप से फूलों से सजाया गया था। सैकड़ों तीर्थयात्री कपाट बंद होने के गवाह बने इस दौरान सेना के भक्तिमय धुनों के साथ जय श्री केदार तथा ऊं नम् शिवाय के उदघोष से केदारनाथ गूंज उठा।
गुरुवार 16 नवंबर को डोली फाटा से होते हुए रात्री विश्राम के लिए विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुँचेगी। वहीं शुक्रवार 17 नवंबर को गुप्तकाशी से प्रस्थान कर सुबह करीब 11 बजे श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुँचेगी। कपाट बंद होने के अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में श्री केदारनाथ यात्रा का सफलतापूर्वक समापन हो रहा है। उन्होंने यात्रा से जुड़े सभी संस्थानों को भी बधाई दी। कहा कि सामूहिक सहयोग समन्वय से यात्रा का सफलतापूर्वक समापन हुआ है फलस्वरूप रिकार्ड 19 लाख 60 हज़ार से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किये हैं। इस अवसर पर इस अवसर पर बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, तहसीलदार दीवान सिंह राणा, कार्याधिकारी आरसी तिवारी, केदार सभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, थाना प्रभारी मंजुल रावत, मंदिर समिति सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, प्रदीप सेमवाल, अरविंद शुक्ला, देवानंद गैरोला, उम्मेद नेगी, कुलदीप धर्म्वाण, ललित त्रिवेदी सहित जनप्रतिनिधि तीर्थपुरोहित एवं तीर्थयात्री मौजूद रहे।