राज्य में खत्म हो जाएगी अंग्रेजी हुकूमत के समय से चली आ रही यह व्यवस्था, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिया हलफनामा

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बुधवार को उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दिया हैं। जिसमें सरकार की ओर से कोर्ट को आश्वासन दिया गया हैं कि अब उत्तराखंड पुलिस प्रदेश के सभी आपराधिक मामलों की जाँच करेगी। सभी केसों को पूर्ण रूप से जाँच के लिए पुलिस बल के पास भेजें जायेंगे। सुप्रीम कोर्ट को दिए गए हलफनामे से जाहिर हैं कि धामी सरकार अब 2018 में हाईकोर्ट के दिए गए को लागू करने के लिए तैयार हैं।
उत्तराखंड सरकार ने कोर्ट को बताया कि वह उन क्षेत्रों को पुलिस बल के अधिकार क्षेत्र में लाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही हैं। जो वर्तमान में राजस्व पुलिस के पास हैं। SC ने सरकार के स्टेटमेंट को रिकॉर्ड कर लेते हुए अंकिता मामले में पुलिस पटवारी सिस्टम को लेकर याचिका दाखिल करने वाले एडवोकेट की याचिका का निस्तारण किया।
बता दें कि अंकिता भंडारी मर्डर केस के बाद उत्तराखंड का पुलिस पटवारी सिस्टम लगातार सवालों से घिरा हुआ चल रहा हैं। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसे खत्म करने पर भी विचार किया हैं। जिसके लिए आज उत्तराखंड सरकार ने कोर्ट को आश्वासन भी दिया हैं।

पटवारी पुलिस को क्यों कहा जाता हैं,गाँधी पुलिस
दरअसल राजस्व पुलिस व्यवस्था के अंतर्गत पटवारी के पास अपराधी से मुकाबला करने के लिए अस्त्र- शस्त्र के नाम पर महज एक लाठी होती हैं। पुलिस बल के नाम पर एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थी। राजस्व पुलिस को इसीलिए गाँधी पुलिस भी कहा जाता हैं।

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