नई दिल्ली: नई दिल्ली में स्थित “हिंदी भवन” विष्णु दिगम्बर मार्ग के सभागार में
उत्तराखंड मानव सेवा समिति, दिल्ली के तत्वाधान में आयोजित उत्तराखंड के साहित्यकारों को सम्मानित करने का कार्यक्रम 6 नवंबर हो सफलता पूर्वक संपन्न किया गया। यह कार्यक्रम समाजिक सेवा में काम करने वाली अग्रणीय संस्था उतराखण्ड मानव सेवा समित के बैनर पर हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री अजय चौधरी आइपीएस विशेषायुक्त दिल्ली पुलिस ने अपनी गरिमामई उपस्थिति दी। समिति द्वारा जो सम्मान दिए गए उनके लिए एक कमेटी का गठन तीन महीने पहले किया था। जिनमें समिति के मुख्य संयोजक श्री मनवर सिंह रावत, अध्यक्ष श्री वी एन शर्मा, कार्यक्रम संयोजक श्री महावीर राणा तथा समिति के महासचिव श्री के एल नौटियाल थे। उत्तराखण्ड से बाहर निवास करने वाले साहित्यकारों के कृतित्व व्यक्तित्व पर आधारित डॉ बिहारीलाल जलन्धरी द्वारा संपादित पुस्तक जो 2021 में प्रकाशित साहित्यकारों के डाटा को आधार मानकर सभी का चयन किया गया।
जिन साहित्यकारों को सम्मानित किया गया उनमें *साधना सम्मान पाने वाले साहित्यकारों में सर्व श्री नीलांबर पाण्डेय, श्रीमती हेमा उनियाल, चन्द्र सिंह रावत, दिनेश ध्यानी और सुरेन्द्र सिंह रावत लाटा थे। साहित्य भूषण सम्मान से सम्मानित होने वालों में सर्व श्री गिरीश बिष्ट हंसमुख, डॉ पृथ्वीसिंह केदारखंडी, रमेशचन्द्र घिल्डियाल, सी. एम. पपनै, व डॉ अंजलि थपलियाल कौल हैं। साहित्य विभूषण सम्मान जिन वरिष्ठ साहित्यकारों को दिया गया उनमें सर्व श्री बल्लभ डोभाल, श्यासिंह शशि, प्रदीप पंत, डॉ हरिसुमन बिष्ट तथा डॉ बिहारीलाल जलन्धरी को सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में उतराखण्ड के निवासी साहित्यकार पुस्तक का लोकार्पण भी किया गया। साथ ही श्री मंगतराम धस्माना की पुस्तक मेरी कविता मेरे नाटक का भी विमोचन किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री अजय चौधरी ने कहा कि उत्तराखंड के लोगों ने बौद्धिक बल पर सबका मन जीता है। उन्होंने कई साहित्यकारों का नमोल्ल करते हुए कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है जिसने समाज को बहुत बड़े साहित्यकार दिए हैं। उन्होंने उत्तराखण्ड के लोगों की ईमानदारी लग्न मेहनत और कर्तव्यनिष्ठा की तारीफ की। समिति के मुख्य संयोजक श्री मनवर सिंह रावत ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि जब हम अकादमी में उपाध्यक्ष थे उस दौर में कोरोना बहुत गंभीर रूप से फैला था हम अपने साहित्य पुरोधाओं के लिए उस समय जो नहीं कर पाए अब किया जो आगे भी जारी रहेगा। समिति के अध्यक्ष श्री वी एन शर्मा ने कहा कि हमारी समिति उतराखण्ड के साहित्यकारों को सम्मानित कर स्वयं सम्मानित हुई। श्री शर्मा ने बताया कि
स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार , पर्यावरण, गरीब और बंचित लोगों के हितैषी, गाय एवं धर्म के क्षेत्र में 22 वर्षों से निरंतर कार्य कर रही है कोविड-19 मैं समिति ने मास्क. सैनिटाइजर, भोजन, दवाइयां एवं राशन का बखूबी वितरण किया उन्होंने इस क्रम को आगे जारी रखने को कहा। श्री के एल नौटियाल ने सम्मान की प्रक्रिया को आरम्भ करने की आवश्यक के तैयारियों और सभी पहलुओं के संबंध में बताया। श्री महावीर राणा ने सभी साहित्यकारों और सभी उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया।
डॉ जलन्धरी ने कहा कि हमारा उद्देश्य उतराखण्ड से बाहर रहने वाले साहित्यकारों को एक स्थान पर लाकर उनका परिचय समाज से कराना था वह समिति द्वारा पूरा हुआ। उन्होंने समिति के पदाधिकारियों को इस सम्मान समारोह आयोजित करने और इसकी निरंतरता को बनाए रखने के लिए धन्यवाद किया।
इस अवसर पर श्री बल्लभ डोभाल, पद्मश्री डॉ श्याम सिंह शशि जो अश्वस्त होने पर उपस्थित नहीं हुए उनके प्रतिनिधि, प्रदीप पंत आदि ने अपने विचार रखे। इस सम्मेलन का मंच संचालन श्रीमती पुष्पा जोशी ने किया।
इस कार्यक्रम में दिल्ली एनसीआर के साहित्यकार और अधिकांश समाजसेवी उपस्थित हुए जिनमें सर्व श्री महेश चंद्रा, पी एन शर्मा, श्याम लाल, विनोद ढौंडियाल, प्रकाश फ्रंडियाल, पवन मैठाणी, अजय बिष्ट, डॉ यूं पी थपलियाल, मदन थपलियाल, पार्थ सारथी थपलियाल, आदित्य घिल्डियाल, राजकुमार कविदयाल, टी एस भंडारी, नारायण सिंह गुसाईं, सुधीर सजवाण, आदि सैकड़ों लोग उपस्थित हुए। इस अवसर पर सभी आमंत्रित अतिथियों ने उत्तराखण्ड में बनने वाले अरसों का भरपूर स्वाद लिया।