
प्रदेश में प्रस्तावित स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की राह में अटक रही फॉरेस्ट लैंड की बाधा आखिर दूर हो गई है। वन विभाग द्वारा भूमि देने पर सैद्धांतिक सहमति बनने के बाद 2026 के शैक्षणिक सत्र से यूनिवर्सिटी शुरू होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। यह जानकारी खेल मंत्री रेखा आर्या ने गुरुवार को विधानसभा भवन स्थित अपने कार्यालय में विभागीय समीक्षा बैठक के बाद दी।
खेल मंत्री ने बताया कि इस प्रकरण की फाइल दो-तीन बार वन विभाग से लौट चुकी थी, लेकिन अब दोनों विभागों के बीच सहमति बन गई है। उन्होंने अधिकारियों को विश्वविद्यालय के लिए आवश्यक पदों के सृजन की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए।
रेखा आर्या ने बताया कि चंपावत में महिला स्पोर्ट्स कॉलेज का शिलान्यास राज्य स्थापना की रजत जयंती पर प्रधानमंत्री द्वारा किया गया था। बैठक में निर्णय लिया गया कि इस कॉलेज में अगले वर्ष से कक्षाएं प्रारंभ कराई जाएंगी।
खेल मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना और मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना के लाभार्थियों को अक्टूबर तक की पूरी राशि जारी कर दी गई है। आगे की किश्तों के लिए बजट मांग भेजने के निर्देश भी दिए गए हैं।
इसके साथ ही पदक विजेताओं को आउट ऑफ टर्न नौकरी देने के लिए खेल विभाग अब शासन को प्रस्ताव भेजेगा कि सभी अधिसंख्य पद खेल विभाग में ही सृजित किए जाएं। मंत्री ने कहा कि अन्य विभागों में आउट ऑफ टर्न भर्ती के दौरान आए नकारात्मक अनुभवों को देखते हुए विभाग अपने यहां ही पद सृजित करना चाहता है।
बैठक में खेल मंत्री ने आबकारी से प्रति बोतल ₹1 सेस से मिलने वाली राशि अब तक विभाग को न मिलने पर नाराजगी जताई और अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
बैठक में विशेष प्रमुख खेल सचिव अमित सिन्हा, खेल निदेशक आशीष चौहान, अपर निदेशक अजय अग्रवाल और महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज के प्राचार्य राजेश ममगाई समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।





