दुर्गा पूजा महोत्सव में बिखरे पारंपरिक चांचरी के रंग, जूलियट ग्रुप की टीम रही विजेता

ख़बर शेयर करें -


बागेश्वर। दुर्गा पूजा महोत्सव कुमाउनी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए भरसक प्रयास कर रही है। हर साल पूजा पंडाल में लोक संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम किए जाते हैं। इस साल भी पूजा कमेटी ने चाचरी प्रतियोगिता का आयोजन किया। प्रतियोगिता में पांच टीमों के द्वारा प्रतिभाग किया। कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच जूलियट की टीम विजेता रही।
दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष बृज किशोर वर्मा ने बताया कि इस कार्यक्रम को कराने का मुख्य उद्देश्य अपने कुमाऊंनी संस्कृति को नई युवा पीढ़ी के मध्य पहुंचाने का है और अपनी संस्कृति अपनी पहचान को बचाए रखने के लिए दुर्गा पूजा समिति हर बार इस तरह का आयोजन करती है। उन्होंने कहा कि चाचरी प्रतियोगिता को काफी पसंद भी किया जाता है जिसको देखने के लिए सैकड़ों की तादाद में लोग भी पहुंचते हैं। देर रात हुए चाचरी प्रतियोगिता में जिला पंचायत उपाध्यक्ष नवीन परिहार मुख्य अतिथि रहे। परिहार ने चाचरी प्रतियोगिता को आने वाली पीढ़ी के लिए बेहतर बताया और अपनी संस्कृति से जुड़ी इस तरह की प्रतियोगिता का आयोजन करने पर दुर्गा पूजा समिति को बधाई दी। और कहा की चाचरी हमारी कुमाउनी संस्कृति की मुख्य पहचान है सभी को इसको बचाने के आगे आना चाहिए।


चांचरी प्रतियोगिता में जूलियट की टीम को पहला स्थान मिला तो वही जय गोलू और बुरांश के फूल टीम को संयुक्त रूप से द्वितीय स्थान दिया गया। भागीरथी की टीम तीसरे और हरज्यू की टीम चौथे स्थान पर रही। समिति के सचिव नवीन लोहनी ने बताया कि दुर्गा पूजा महोत्सव हर रोज अलग-अलग तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करते रहती है। जिससे युवा पीढ़ी को अपनी कुमाऊंनी संस्कृति की जानकारी मिल सके।