बागेश्वर। सोमवार को जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने मीडिया को मातृ शक्ति उत्सव (चेली ब्वारयूं कौतिक) की जानकारी देते हुए कहा कि मातृ शक्ति उत्सव की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय व विशिष्ट कार्यों में योगदान देने वाली उत्तराखंड की बेटी, ब्वारियों को सम्मानित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि दो जनवरी को जिला प्रशासन बागेश्वर द्वारा कपकोट के केदारेश्व मैदान में भव्य चेली-ब्वारयूं कौतिक का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें लगभग 20 हजार महिलाएं इस कार्यक्रम में सम्मिलित होने की उम्मीद है। जिलाधिकारी कहा कि मंगलवार को केदारेश्वर मैदान में चेली-ब्वारयूं कौतिक मातृशक्ति उत्सव का भव्य आयोजन होने जा रहा है। जिसमें उत्तराखंड की लोक कला, लोक संस्कृति और हस्तशिल्प उत्पादों के वृहद समागम के लिए चेली-ब्वारयूं कौतिक मातृशक्ति उत्सव में अधिकारियों को पूरे समर्पण के साथ कार्य करने के निर्देश दिए गए है। इस भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बतौर मुख्य अतिथि कौतिक का शुभारंभ करेंगे। उन्होंने बताया कि महिला स्वंय सहायता समूह द्वारा बनाए गए उत्पादों का जीवंत चित्रण देखने को मिलेगा। उत्तराखंड की महिला सशक्तिकरण व लोक संस्कृति को आगे बढाने के लिए चेली-ब्वारयूं कौतिक मातृशक्ति उत्सव नाम देकर इसे महिलाओं को स्वालंबी, आत्मनिर्भर और राज्य की आर्थिकी में विशेष योगदान देने के लिए मातृशक्ति को सम्मानित भी किया जाएगा। कार्यक्रम में लोक संस्कृति और लोक कला के साथ-साथ रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी देखने को मिलेंगे। जिलाधिकारी कहा कि यह कार्यक्रम जिले के प्रत्येक नागरिक का है, महिलाओं एवं मातृशक्ति को समर्पित इस चेली-ब्वारयूं कौतिक में हर कोई चेली-ब्वारयूं के प्रोत्साहन के लिए कार्यक्रम में आमंत्रित है। उन्होंने कार्यक्रम में जनपद वासियों से अधिक से अधिक संख्या में आने की भी अपील की है। जिलाधिकारी ने कहा कि मातृ शक्ति उत्सव में महिला शिल्पकार, माउंटेनिंग, लाइव रीवर क्रासिंग, एमटीबी, एटीवी, ताइक्वांडो, एडवेंचर, महिला छोलिया नृत्य आदि महिला शक्ति का उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के साथ ही जनपद के दानपुर, कमस्यार, खरेही आदि पट्टियों की संस्कृति व परिधानों को भी प्रदर्शित किया जाएगा।जिलाधिकारी ने कहा कि नव वर्ष की शुरुआत मातृशक्ति के साथ हो रही है, महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह बड़ा संदेश है, जो हम सबके लिए गौरव की बात है।