डिग्री कालेजों में रिक्त पदों पर संविदा प्राध्यापकों की होगी तैनाती, छावनी परिषद के नागरिक क्षेत्र नगर निकाय में होंगे शामिल

ख़बर शेयर करें -

उत्तराखण्ड सरकार की कैबिनेट बैठक में प्रदेश हित में ‘वन टाईम सेटलमेंट स्कीम 2023-24’ योजना की शर्तों में संशोधन किए जाने सहित कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में राजकीय महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों के स्वीकृत रिक्त पदों के सापेक्ष नितान्त अस्थायी व्यवस्था के तहत वर्तमान शिक्षण सत्र 2023-24 के लिए संविदा शिक्षकों की तैनाती और  ग्रेटर दून विकास प्राधिकरण लिमिटेड को समाप्त किए जाने का निर्णय लिया गया।  
  गुरुवार को सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में राज्य में प्रचलित नजूल नीति, 2021 के प्रभावी /लागू रहने की अवधि बढ़ाए जाने का निर्णय लिया और आगामी विधान सभा सत्र आहूत करने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया। कैबिनेट ने उत्तराखण्ड आयुष विभाग आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवा संवर्ग, नियमावली में संशोधन किए जाने तथा श्री बद्रीनाथ तथा श्री केदारनाथ मंदिर समिति के विभिन्न सेवा संवर्गों के सीधी भर्ती, गौलापार (हल्द्वानी) में उच्च न्यायालय की स्थापना के लिए प्रस्तावित स्थल के आस-पास के क्षेत्र को फ्रीज जोन घोषित किए जाने तथा सिविल कोर्ट परिसर खटीमा, ऊधमसिंहनगर में अधिवक्ता चैम्बर निर्माण सबंधित निर्णय लिए गए। कैबिनेट में पेराई सत्र 2023-24 हेतु प्रदेश की सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों को बैंको से ऋण लिए जाने हेतु शासकीय प्रत्याभूति प्रदान किए जाने, त्तराखण्ड राज्य के छावनी परिषद, क्षेत्रों से नागरिक क्षेत्रों को पृथक करते हुए निकटवर्ती नगर निकाय में सम्मिलित किए जाने अथवा पृथक नगर निकाय बनाए जाने के संबंध में निर्णय लिया गया। ‘हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर परियोजना’ से संबंधित कार्य UIIDB द्वारा संचालित किए जाने और आवास विभाग के तहत गठित SPV को निरस्त/स्थानांतरित किए जाने के सम्बन्ध में अनुमोदन प्रदान किया गया।