इस वक्त बड़ी खबर सामने आ रही है उत्तराखंड की पीसीएस अधिकारी निधि यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सीएम धामी ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में विजिलेंस को खुली जांच की अनुमति दी है। सीएम ने यह अनुमति विजिलेंस अधिष्ठान की मांग पर दी है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। इसी के तहत धामी सरकार ताबड़तोड़ फैसले ले रही है। इस कड़ी में अब धामी सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है। धामी सरकार ने राज्य में सीनियर पीसीएस अफसर निधि यादव के खिलाफ विजिलेंस की खुली जांच के निर्देश दे दिए हैं। विजिलेंस को भी प्राथमिक जांच में उनके पास आय से अधिक संपत्ति के कई तथ्य मिले थे।
हाल ही में निधि यादव पीसीएस अफसरों की डीपीसी के दौरान भी विवादों में घिर गई थी। दरअसल हाल ही में पीसीएस अफसरों की डीपीसी देहरादून में हुई थी जिसमें निधि यादव को भी प्रमोशन मिलना था लेकिन तमाम विवादों के बाद उनकी डीपीसी पर रुकावट आने की बात कही गयी। अब निधि यादव के खिलाफ शासन ने विजिलेंस की खुली जांच की अनुमति दे दी है।
इससे पहले विजिलेंस निधि यादव की प्राथमिक जांच कर चुकी है जिसमें उनके पास आय से अधिक संपत्ति के कई तथ्य मिले हैं। जिसको विजिलेंस ने शासन को प्रेषित कर दिया था। बड़ी बात ये है कि काफी लंबे समय तक शासन ने इस फाइल को अपने पास रखा। इसके बाद अब विवाद बढ़ने के बाद विजिलेंस को खुली जांच की अनुमति दे दी गई है ।
ऐसा पहली बार नहीं है जब निधि यादव विवादों में आई हो। इससे पहले निधि यादव आरक्षण से जुड़े प्रमाण पत्र को लेकर विवादों में आई थीं। हालांकि यह मामला कोर्ट में चला गया था। इसके बाद निधि यादव की प्राथमिक विजिलेंस जांच हुई। जांच के बाद विजिलेंस ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी। विजिलेंस निदेशक अमित सिन्हा ने बताया कि निधि यादव के खिलाफ विजिलेंस जांच की अनुमति मिल गई है। अब विजिलेंस आय से अधिक संपत्ति के मामले में खुलकर जांच करेगी जिसमें सभी तथ्यों की बारीकी से जांच की जाएगी। अमित सिन्हा ने कहा कि इससे पहले की गोपनीय प्राथमिक जांच में भी आय से अधिक संपत्ति होने के प्रमाण मिले थे। इसी आधार पर खुली जांच की अनुमति दी गई है। सिन्हा ने बताया कि खुली जांच में अगर तथ्य पाए जाएंगे तो उस आधार पर मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मिलेगी।