बागेश्वर की बेटी कल्पना मेहरा ने चंद्रयान-3 की सफलता से लैंडिंग होने से उत्साहित होकर तिरंगे के साथ मालदीप के समुद्र में 54 फिट गहराई में स्कूबा डाइविंग की कल्पना ने बताया कि चांद पर तिरंगा इसरो ने लहराया और इसका जश्न हिंद महासागर की गहरायी में तिरंगा लहरा कर हमने मनाया।
बागेश्वर जिले के गांव द्वारसों के सैन्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली कल्पना ने बताया कि भारत के चंद्रायन-3 के सफलतापूर्वक चाहत की धरती पर लैंड करते ही उन्होंने रिसोर्ट में मौजूद सभी भारतीयों के साथ खुशी बनाई अगले ही दिन 2:00 बजे इस खुशी को मनाने के लिए समुद्र की गहराई में 54 फीट गहरे जाकर तिरंगा लहराया कल्पना ने कहा कि इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 मिशन को कामयाब बना कर हम सभी भारतीयों को गौरवान्वित किया है। और अगस्त में दूसरी बार जश्न मनाने का मौका दिया इस जश्न में दूसरे देशों के पर्यटक भी हमारे साथ शरीक हुए और बधाई दी मालदीव के निजी द्वीप फिहाल्होली में बतौर स्कूबा ट्रेनर तैनात कल्पना इससे पहले 15 अगस्त को भी तिरंगे के साथ समुद्र की गहराइयों को नाप चुकी है।
बागेश्वर के द्वारसों निवासी कैप्टन हरीश मेहरा सेवानिवृत्ति जिन्होंने आर्मी कैंटीन बागेश्वर का 6 सालों तक सफल संचालन करने के बाद जो सेवानिवृत हो चुके हैं ।और कल्पना की माता हेमा मेहरा ने बताया कि कल्पना शुरू से ही जुझारू रही है। कैप्टन मेहरा ने बताया की बेटी जो ठान लेती है उसे पूरा करके ही रहती है इसकी शुरुआती पढ़ाई बागेश्वर अल्मोड़ा और नैनीताल से हुई है नैनीताल में एनसीसी की नेवल कोर में रहने के दौरान उसे तैराकी से जो लगाव हुआ वह जुनून में बदल गया कल्पना एक अच्छी पर्वतारोही भी है उसने निम से पर्वतारोहण का प्रशिक्षण लिया है। कल्पना के दादा लछम सिंह भी सेवा में रहे हैं। कल्पना बताती है कि रुड़की की रहने वाली उनकी एक मित्र जिसके साथ वह उत्तराखंड के युवाओं के लिए भी स्कूबा डाइविंग का प्रशिक्षण प्लान कर रही है कल्पना की बहन मनीषा मेहरा ने मिस उत्तराखंड जीता है। और वर्तमान में टाटा एयरलाइंस क्रू मेंबर है उनकी छोटी बहन निशा मेहरा प्रसिद्ध चित्रकार है भाई धीरज मेहरा दिल्ली की एक नामी कंपनी में कार्यरत है।