संकट में जिले का खड़िया उद्योग, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने सीएम को लिखा पत्र

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बागेश्वर। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष व कांग्रेस नेता हरीश ऐठानी ने मुख्यमंत्री से जिले की घाटे में चल रही खड़िया उद्योग को पंख लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि 45 साल से लोग इस कारोबार से जुड़े हैं। इससे जिले की आर्थिक व्यवस्था मजबूत हुई, लेकिन यूक्रेन युद्ध के बाद इस पर ग्रहण लग रहा है। उन्होंने इसे उबारने की मांग की है।अपने कार्यालय में गुरुवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने यह मांग रखी है। ऐठानी ने कहा कि प्रदेश सरकार उत्तराखंड में उद्योग स्थापित करने के लिए लगातार पहल कर रही है, लेकिन गांव-गांव के लोगों को रोजगार देने वाले खड़िया उद्योग घाटे पर चल रहा है। जिले में 138 खड़िया खाने हैं। जो स्थानीय स्तर पर वृहद रोजगार का प्रमुख साधन है। इस उद्योग से स्थानीय मजदूर, भू-स्वामी, भवन स्वामी, स्थानीय ट्रासंपोर्ट, तो प्रत्यक्ष रूप से कारोबार कर रहे हैं। इसके अलावा बाहर से भी लोग अपना रोजगार करने यहां आते हैं। लगभग 1300 हेक्टेयर भू-भाग पर खड़िया खनन किया जा रहा है। वर्ष 2020-21 में 320000 टन उत्पादन हुआ। 2021-22 में तीन लाख 38 हजार, जबकि 23-24 में चार लाख, 80 हजार खनिज उत्पादन हुआ। यूक्रेन युद्ध के अलावा बाजार में सप्लीमैंट के रूप में मांग का घटना आदि के कारण खड़िया बाजार लुड़क गया है। 45 साल से राज्य को राजस्व देने में इस उद्योग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अन्य सालों में एक अक्टूबर से कारोबार शुरू हो जाता था, लेकिन इस बार नवंबर शुरू हो गया है, कारोबार शुरू नहीं हुआ है। उन्होंने सरकार ने इस संकट से उबारने की मांग की है। इस मौके पर जिपं सदस्य सुरेंद्र खेतवाल आदि मौजूद रहे।