कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी के रानीबाग में स्थापित एचएमटी फैक्ट्री (Ranibagh HMT factory) की जमीन भारत सरकार ने उत्तराखंड सरकार को हस्तांतरित कर दी है। भारत सरकार ने एचएमटी की 45.33 एकड़ जमीन उत्तराखंड सरकार को दी है। इस संबंध में भारी उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार ने आदेश भी जारी कर दिया है। यह भूमि उत्तराखंड सरकार को 72 करोड़ 02 लाख 10 हजार रुपये की रिजर्व प्राइस पर हस्तांतरित की गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से एचएमटी की भूमि को प्रदेश सरकार को हस्तांतरित करने के लिए अनुरोध किया था। साथ ही अगस्त में केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पाण्डेय के साथ बैठक में भी इस बात को उठाया था। इस कवायद के बाद आज भारत सरकार ने एचएमटी की जमीन उत्तराखंड सरकार के हवाले कर दी।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर एचएमटी की भूमि उत्तराखंड सरकार को हस्तांतरित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह डबल इंजन सरकार की एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उत्तराखंड की बहुप्रतीक्षित मांग को पूरा किया गया है। यह मामला काफ़ी लंबे समय से लम्बित था। अब प्रदेश सरकार को भूमि हस्तांतरित हो गई है। इसका उपयोग प्रदेश के हित में और प्रदेश के विकास के लिए किया जाएगा।
पूर्व में किए गए अनुरोध को स्वीकृति प्रदान करते हुए भारत सरकार द्वारा रानीबाग (हल्द्वानी) स्थित एचएमटी की 45.33 एकड़ जमीन उत्तराखण्ड सरकार को हस्तांतरित कर दी गई है। pic.twitter.com/U2guD62PXE
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) October 27, 2022
एचएमटी फैक्ट्री रानीबाग में थी, जिस जमीन पर यह फैक्ट्री लगी थी, वहीं से पहाड़ व जंगल शुरू हो जाता है। इस भूमि के एक तरफ गौला नदी बहती है। यहां पर नए उद्यम के साथ ही पर्यटन से जुड़े काम शुरू किए जा सकते हैं। नैनीताल में जाम की समस्या को देखते हुए वहां से कई कार्यालयो को ही स्थानांतरित करने की चर्चा उठती रही है। ऐसे में एचएमटी की यह जमीन इस काम में आ सकती है। इसके अलावा हाई कोर्ट को भी हल्द्वानी शिफ्ट करने की मांग जोर से उठी है। इस भूमि पर बने भवन पर हाई कोर्ट भी खोला जा सकता है। इसके अलावा आइटी सेक्टर से लेकर आधुनिक जरूरत के तमाम उद्योग स्थापित हो सकते हैं। इससे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिलता, लेकिन इस लिहाज से भी नहीं सोचा गया। यहां गरीबों के लिए आवास भी बनाए जा सकते हैं।उत्तराखंड की शान थी एचएमटी फैक्ट्री