सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट में असुरक्षित पाए गये 8 जिलों के 36 पुल,मोरबी हादसे के बाद करवाया गया था ऑडिट

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उत्तराखंड के पांच जोन में हुए सेफ्टी ऑडिट की रिपोर्ट आ गई है, जिसमें 8 जिलों के 36 पुल असुरक्षित पाए गए।

बीते दिनों गुजरात में हुए एक पुल हादसे ने पूरे देश को बुरी तरह झकझोर कर रख दिया।यहां मोरबी में पुराना पुल टूटने से 135 लोगों की जान चली गई। इस हादसे के बाद उत्तराखंड में भी पुलों की हालत को जांचने का काम शुरू हुआ। राज्य में सभी पुलों के तीन सप्ताह के भीतर सेफ्टी ऑडिट के निर्देश दिए थे। राज्य के पांच जोन में हुए सेफ्टी ऑडिट की रिपोर्ट आ गई है, जिसमें एक डराने वाली बात पता चली है। रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक 36 पुल आवागमन के लिए असुरक्षित पाए गए हैं। पुलों के सेफ्टी ऑडिट का काम अभी जारी है। मोरबी हादसे के बाद हुए सेफ्टी ऑडिट के दौरान लोनिवि ने प्रदेश के 3262 पुलों की जांच की, जिसमें से 2518 पुलों की सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट लोनिवि ने शासन को सौंप दी है। किस जोन और जिले में क्या स्थिति है, ये भी बताते हैं।

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रिपोर्ट के मुताबिक टिहरी में आठ, चमोली में एक और पौड़ी में 16 पुल असुरक्षित पाए गए हैं। पिथौरागढ़ में एक पुल, ऊधमसिंहनगर में पांच पुल असुरक्षित पाए गए हैं। देहरादून में एक और हरिद्वार में तीन पुल असुरक्षित पाए गए हैं। लोनिवि ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित 334 सेतुओं में से 179 का सेफ्टी ऑडिट भी किया। इनमें से रुद्रप्रयाग के बेलनी नामक स्थान पर एक पुल असुरक्षित पाया गया है। प्रमुख सचिव लोनिवि आरके सुधांशु ने बताया कि सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट शासन को प्राप्त हो चुकी है। प्रदेश के जर्जर एवं पुराने पुलों को विभिन्न वित्त पोषित योजनाओं में जैसे एडीबी, विश्व बैंक, सीआरआईएफ के माध्यम से बदला जाएगा। इसके लिए ब्रिज बैंक बनाने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि सेफ्टी ऑडिट के लिए 13 जिलों को पांच जोन में बांटा गया था। सेफ्टी ऑडिट का काम मुख्य अभियंताओं ने किया। लोनिवि अधिकारियों ने कहा कि 2618 पुलों की रिपोर्ट शासन को सौंप दी गई है। बाकी बचे पुलों में से कुछ का सेफ्टी ऑडिट इस माह के अंत तक और कुछ का दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा।