बागेश्वर। बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत बेटियों के लिए मेरा सपना,मेरा लक्ष्य (म्यर स्वैण-म्यर लक्ष्य) कार्यक्रम आयोजित किया गया। महिला ऑफिसरों के साथ ही एसपी व सीडीओ ने बेटियों के सपने और लक्ष्य की प्राप्ति के लिए उन्हें प्रेरणा दी तथा अपने अनुभवों को साझा किया। उसके बाद बेटियों को सरकारी कार्यालयों के क्रियाकलापों और सरकार की स्वरोजगार परक एवं जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित होने वाले लाभार्थियों के बारे में जानकारी प्रदान की गई। तथा कलेक्ट्रेट कार्यालय के साथ ही विकास भवन में संचालित सभी कार्यालयों का विजिट कराया गया। जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने बेटियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सपने हमारे भविष्य को सही आकार देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह सही कहा गया है कि “यदि आप कोई कल्पना कर सकते हैं तो आप इसे प्राप्त भी कर सकते हैं और यदि आप कोई सपना देख सकते हैं तो आप वह प्राप्त कर सकते हैं”। इसलिए यदि आपके पास सपना है तो इसे अपने लक्ष्य के रूप में स्थापित करें और इसे प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करने की जरूरत होती है। डीएम ने कहा कि जैसे आप अपने सपने और लक्ष्यों को निर्धारित करते हैं तो उसके लिए एक योजना बनाएं जो आपको सही दिशा में जाने के लिए सहायता कर सके। उन्होंने कहा कि योजना तैयार करना और संगठित रहकर अपने सपने को प्राप्त करना प्रारंभिक कदम हैं। बड़े सपने देखिए और हर बाधा को दूर करने के लिए कड़ी मेहनत करिए। उन्होंने कहा कि सपने पूरे करने के लिए प्रेरित रहना जरूरी है और जब आप अपना सपना पूरा कर लेंगे तब ही रूकें। उन्होंने कहा यदि कभी आप अपने आप को निराश और थका हुआ मानते हैं तो यह आपको अपने अंतिम लक्ष्य को याद करने का समय है और असली आनंद व गौरव का अनुभव आपको तब होगा जब आप इसे प्राप्त करेंगे, इसलिए जो आपने सोचा है उस दिशा में निरंतर आगे बढ़ते रहें। एसपी चंद्रशेखर घोडके ने कार्यक्रम को अच्छी पहल बताते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम से प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि सपना,लक्ष्य तब बनता है जब आप संघर्ष करते है। अवसर हर क्षेत्र में है उसके लिए आपको मेहनत करने की आवश्यकता है। उन्होंने वर्तमान में सोशल मीडिया के बढ़ते प्रचलन पर भी प्रकाश डालते हुए कहा कि सोशल मीडिया का उपयोग अपनी बेहतरी और उन्नति के लिए करें। सीडीओ आरसी तिवारी ने कहा कि किसी भी मुकाम को हासिंल करने के लिए कड़ी मेहनत के साथ ही अनुशासन होना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि माता पिता आपकी बलाई के लिए आपको डॉट फटकार लगाते है उनकी बातों को अपने विचारों एवं आचारों में लाएं। हमेशा अपने माता पिता की बात को पत्थर की लकीर की तरह माने। कार्यक्रम में डॉ स्मृति खेतवाल ने डॉक्टर बनने, आरती बडोला ने नर्सिंग ऑफिसर बनने, सहायक अभियोजन अधिकारी रश्मि ने अधिकारी व वकील बनने के टिप्स बेटियों को दिए। वहीं प्रधानाचार्य शोभा टम्टा ने शिक्षक बनने और सहायक अभियंता पूजा पंत ने इंजीनियरिंग बनने,सब इंस्पेक्टर निर्मला पटवाल ने पुलिस ऑफिसर बनने के टिप्स बालिकाओं को दिए। कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मंजुलता यादव,प्रधानचार्य बदियाकोट रामानुज कुमार,सहित अन्य अधिकारी एवं बालिकाएं उपस्थित रही।