कमल कवि कांडपाल
बागेश्वर। कोरोना काल के बाद बाबा बागनाथ की नगरी एक बार फिर भव्य उत्तरायणी मेले के आयोजन के लिए तैयार है। रंग रोगन से नगर की साज-सज्जा हो गई है। बाबा बागनाथ जी का दरबार सजने लगा है।नुमाइशखेत मैदान में झूले चरखे लग चुके हैं और सरयू गोमती बगड़ में बाहरी व्यापारियों की दुकानें लगने की भी तैयारी पूरी हो गई है।इस बार की उत्तरायणी बेहद खास होने वाली है इस साल जहां लोग सरयू नदी में नौका इनका लोटपोट आएंगे वही हेलीकॉप्टर में बैठकर उत्तरायणी मेले का भी दीदार कर सकेंगे।
1 महीने पहले से बागेश्वर में उत्तरायणी मेले की तैयारियां होने लगी थी। पहली बार बागनाथ मंदिर परिसर समेत सरयू नदी के घाटों की विशेष सजावट की गई है। नुमाइशखेत मैदान के समीप व्यूप्वाइंट रंग रोगन कर आकर्षक बनाया जा चुका है। मैदान की बाहरी दीवार और सरयू नदी के किनारे की दीवार को विशेष चित्रकला से सजाया गया है। पहली बार मेलार्थी सरयू नदी में बनी अस्थाई पुलिया के साथ-साथ पक्के पैदल पुल से भी मेला भ्रमण कर सकेंगे। पुल के समीप बना सेल्फी प्वाइंट विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है जहां पर सेल्फी लेने के लिए लोगों की लाइन लग रही है।
मुख्यमंत्री करेंगे मेले का शुभारंभ
इस साल उत्तरायणी मेला 14 जनवरी से 24 जनवरी तक होगा मेले का शुभारंभ प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे। शुभारंभ से पूर्व तहसील परिसर से नुमाइश मैदान तक भव्य झांकी निकाली जाएगी। 14 की रात से 23 की रात तक स्टार नाइट कार्यक्रम में प्रसिद्ध कलाकार गीत, संगीत, नृत्य से लोगों का मन मोहेंगे। सरयू नदी में इस साल भी नौकायन किया जाएगा, जबकि पहली हेलीकॉप्टर में बैठकर लोग मेले का दीदार कर पाएंगे।
नगरपालिका अध्यक्ष सुरेश खेतवाल का कहना है कि मेले को भव्य बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किए गए हैं। मेलार्थियों को काफी कुछ नया देखने को मिलेगा। पहली बार लोग दस दिन तक मेले का लुत्फ उठाएंगे।