बागेश्वर। जिले में मानसून पूर्व की तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी अनुराधा पाल की अध्यक्षता में जिला सभागार में बैठक आयोजित की गई। जिलाधिकारी ने मानसून काल के दौरान संभावित आपदाओं से निपटने के लिए अधिकारियों को अभी से तैयार रहने के साथ ही सभी विभागों को कार्य योजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने थाना, तहसील, स्तर पर उपलब्ध आपदा उपकरणों की जांच कर क्रियाशील रखने के साथ ही उपकरणों के कुशल संचालन के लिए शीघ्र कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के भी निर्देश दिए।
जिला सभागार में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि मानसून सत्र के दृष्टिगत जो भी पूर्व तैयारी की जानी है उसके लिए सभी विभागों द्वारा तत्काल आवश्यक कार्यवाही करते हुए कार्य योजना तैयार कर ली जाए। कार्य योजना में विभाग के पास उपलब्ध संसाधनों एवं सेवाओं का ब्यौरा सम्मलित किया जाय। उन्होंने कहा कि मानसून काल के दृष्टिगत तहसील स्तर पर भी आपदा कंट्रोल रूम 24 घंटे संचालित किए जाए ताकि कोई घटना होने पर इसकी सूचना तत्काल संबंधित अधिकारियों एवं विभागों को मिल सके और समय से आपदा नियंत्रण, राहत एवं बचाव कार्य तथा अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं की जा सके। सभी विभाग आपसी समन्वय स्थापित कर कोई भी घटना के घटित होने की दशा में तत्परता से आवश्यक कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। डीएम ने आपदा प्रबंधन के काम में आने वाली आवश्यक वस्तुओं, चिकित्सा सुविधाओं, दवाओं, खाद्यान्न, मशाीनों एवं उपकरणों की उपलब्धता का डाटा तैयार करने के साथ ही जनोपयोगी सेवाओं, शरणालयों, पंचायत घरों आदि का ब्यौरा भी तैयार रखने की हिदायत दी। इन सभी सेवाओं के साथ ही सड़कों, पुलों, स्कूलों और आपदा प्रबंधन में सहायक अन्य सुविधाओं का जीआईएस मैपिंग करने के निर्देश देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि हमें हर परिस्थिति से निपटने के लिए आवश्यक इंतजाम और तैयारियां सुनिश्चित करनी होगी इसके लिए नई तकनीकों का भी बेहतर इस्तेमाल किया जाना जरूरी है।
जिलाधिकारी ने जिले की सभी प्रमुख नदियों में जल प्रवाह एवं नदियों के व्यवहार की नियमित निगरानी रखने और संभावित खतरे वाले स्थानों पर अर्ली वार्निंग सिस्टम स्थापित किए जाने की संभावनाओं की भी पड़ताल करने को कहा।जिलाधिकारी ने नदी किनारे निवास करने वाले लोगों का सर्वेक्षण कर उनका डाटाबेस तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपदा की स्थिति की तत्काल सूचना पहुंचाने और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें तत्काल अन्यत्र सुरक्षित ले जाने हेतु ठोस कार्ययोजना तैयार कर ली जाए।
जिलाधिकारी ने आपूर्ति विभाग को जिले में सितंबर माह तक के लिए खाद्यान्न स्टाॅक उपलब्ध रखने के निर्देश देने के साथ ही सड़क महकमें को सड़कों के संवेदनशील एवं भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों को चिन्हित करते हुए उन स्थानों पर जेसीबी मशीन उपलब्ध कराने और इन मशीनों के ऑपरेटरों के मोबाइल नंबर आपदा कंट्रेाल रूम, सभी तहसील कार्यालयों एवं पुलिस थानों में उपलब्ध कराने और वैकल्पिक मार्गों को भी दुरस्त रखने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने विद्युत व पेयजल व्यवस्था सुचारू रखने के साथ ही आपदा संभावित क्षेत्रों में पाईप विद्युत पोल, टांसफार्मर व अन्य उपयोगी सामाग्री का भण्डारण भी समय से करने के निर्देश दिए। ताकि आपदा के दौरान मूलभूत सुविधाओं को यथा समय सुचारू किया जा सके।
बैठक में अपर जिलधिकारी एन एस नबियाल, उपजिलाधिकारी बागेश्वर मोनिका, कपकोट अनुराग आर्य, प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. हरीश पोखरियाल, पुलिस उपाधीक्षक अंकित कण्डारी, सहित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।