डिजिटल बैलों के रूप में पावर ट्रिलर, जिले में आसान हो रहा है जुताई का कार्य

ख़बर शेयर करें -


कमल कवि काण्डपाल

बागेश्वर। बदलते समय के साथ पहाड़ी इलाकों में किसानों की जरूरतें और संसाधन भी बदल चुके हैं। बीते समय में जहां किसान साल भर बैलों को केवल जुताई के लिए पालते थे उस काम को पावर ट्रिलर ने आसान कर दिया है और समय की बचत हो रही है। पावर ट्रिलर में ईधन के रूप में पेट्रोल का उपयोग होता है जो स्थानीय बाजार में उपलब्ध हो जाता है। पावर ट्रिलर ने जहां किसानों के समय और लागत की बचत की है वहीं खेती के क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन भी देखने को मिल रहा है। खेती में जुताई के लिए उपयोग होने वाले बैलों की उपयोगिता को भी कम कर दिया है। पहाड़ी क्षेत्रों में जहां आंगन के खूंटे पर बंधे बैल किसान की पहचान हुआ करते थे धीरे-धीरे उसकी जगह पावर ट्रिलर ने ले ली है। केंद्र और राज्य सरकार मिल्क कृषि क्षेत्र के आधुनिकीकरण में कृषि यंत्रों की खरीद पर 80 % की छूट भी दे रही है।ग्राम पंचायत खुनौली के तल्ला सन्युणा निवासी भुवन पंत बताते हैं कि जिस खेत की बैलों से जुताई करने में 1 से 1.5 घंटे लगते थे पावर ट्रिलर से खेत की जुताई 20 से 30 मिनट में हो जाती है। जिससे उनका समय बच रहा है। पैदावार भी अच्छी हो रही है। किसान हरीश पाण्डेय ने बताया कि इससे पहले वह बैल से जुताई करते थे लंपी वायरस के चलते उनके बैल बीमार हो गए ऐसे में खेतों की जुताई करना चुनौतीपूर्ण हो गया था। उन्होंने पावर ट्रिलर खरीदा और आसानी से जुताई का कार्य कर रहे हैं। इसी प्रकार बागेश्वर जिले के सैकड़ों किसान पावर ट्रिलर का उपयोग कर आसानी से खेत जुताई कर रहे हैं।


उत्तराखंड में पावर ट्रिलर के लिए ऐसे करें आवेदन-

किसान कृषि यंत्र योजना के लिए आवेदन ऑनलाइन ऑफलाइन कर सकते है किसान योजना के लिए आवेदन करने से पहले अपने कृषि नोडल अधिकारी से संपर्क अवश्यक कर ले उत्तराखंड कृषि यंत्र आवेदन के लिय किसान सबसे पहले यहा दिए गए लिंक पर जाए – agriculture.uk इसके बाद किसान यहां योजना पर क्लिक करे जिसके बाद उत्तराखंड कृषि यंत्र योजना की जानकारी व आवेदन फॉर्म डाउनलोड करके आवेदन कर सकते है ।