
बागेश्वर। डीएम आशीष भटगांई की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में मासिक समीक्षा बैठक संपन्न हुई। इस दौरान उन्होंने अभियोजन, पुलिस, खनन, परिवहन, आबकारी, विस्थापन और राजस्व वसूली सहित विभिन्न विभागों के कार्यों की गहन समीक्षा की और अधिकारियों को स्पष्ट व प्रभावी दिशा-निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने राजस्व और नगरीय निकाय अधिकारियों को राजस्व वसूली में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने पॉलीथीन उन्मूलन के लिए प्रभावी कदम उठाने के सख्त निर्देश दिए। नगर पालिका बागेश्वर की तर्ज पर नगर पंचायत गरुड़ व कपकोट में भी डोर-टू-डोर कूड़ा एकत्र करने की व्यवस्था शुरू करने के निर्देश दिए। इसमें स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रेरित करने को कहा गया। निकायों को वसूली बढ़ाने के साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के सत्यापन और अन्य आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए।
बैठक में ऑडिट आपत्तियों का समयबद्ध समाधान और रिट याचिकाओं से जुड़े मामलों में तत्परता दिखाने की हिदायत दी गई। तहसील स्तर पर लंबित मामलों की नियमित समीक्षा और उनके शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने 10 बड़े बकायेदारों की सूची तहसील परिसर में चस्पा करने के निर्देश दिए और संग्रह अमीलों द्वारा वसूली बढ़ाने तथा उपजिलाधिकारी द्वारा नियमित निगरानी करने को कहा।परिवहन विभाग को नियमित रूप से प्रवर्तन की कार्यवाही करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर चालानी कार्यवाही की जाए। खाद्य आपूर्ति विभाग को होटलों, ढाबों और रेस्टोरेंट में छापेमारी कर घरेलू सिलेंडरों के उपयोग पर रोक सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। राज्य कर विभाग को लक्ष्य के सापेक्ष संग्रह में बढ़ोतरी करने और खाद्य सुरक्षा विभाग को उपजिलाधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर नियमित छापेमारी करने के निर्देश दिए गए ताकि खाद्य पदार्थों में मिलावट न हो। जिलाधिकारी ने आबकारी अधिकारी को कार्यप्रणाली में सुधार लाने और अवैध शराब की बिक्री होने पर ठोस कार्यवाही करने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने नियमित गश्त कर इसमें प्रभावी कदम उठाने को कहा। श्रम विभाग को श्रमिकों को दी जाने वाली सुविधाओं में पूर्ण पारदर्शिता बरतने के निर्देश दिए गए।
सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत विभागीय सूचनाओं का सक्रिय निस्तारण सुनिश्चित करने पर जोर देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि इससे जन विश्वास बढ़ेगा और सरकारी कार्यों में पारदर्शिता आएगी। उन्होंने अधिकारियों से सेवा भावना, समर्पण और संवेदनशीलता के साथ कार्य करने को कहा। तहसील स्तर पर अदालतों की नियमितता और लंबित वादों के त्वरित निस्तारण पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि तहसील स्तर पर जारी होने वाले प्रमाणपत्र निश्चित समयावधि के अंतर्गत जारी किए जाएं और कोई भी प्रकरण लंबित न रहे। उन्होंने सभी अधिकारियों को ‘जीरो पेंडेंसी’ कार्य प्रणाली को अपनी आदत में लाने के निर्देश दिए। बैठक में पुलिस, राजस्व पुलिस प्रकरण, स्टांप व निबंधन, खनन, ऑडिट आपत्तियां, पेंशन मामले, शिकायत प्रकोष्ठ, मुख्यमंत्री राहत कोष और मुख्यमंत्री कार्यालय से संबंधित प्रकरणों की समीक्षा कर उन्हें समयबद्ध रूप से निस्तारित करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में उपजिलाधिकारी मोनिका, जितेंद्र वर्मा, अनिल सिंह रावत, प्रियंका रानी, ललित मोहन तिवारी, पुलिस उपाधीक्षक मनीष शर्मा, अभियोजन अधिकारी शीमा भेतवाल, शासकीय अधिवक्ता बसंत बल्लभ पाठक, जीबी उपाध्याय, एआरटीओ अमित कुमार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और पटल सहायक उपस्थित रहे।