विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी द्वारा बैक डोर से हुई 250 नियुक्तियों को निरस्त करने के बाद युवा समाजसेवी भूपेंद्र कोरंगा ने कहा कि इस निर्णय का उत्तराखंड का समस्त जनमानस आभार व्यक्त करता है। रितु खंडूरी के इस निर्णय से स्पष्ट होता है कि यह नियुक्तियां बिना किसी वैधानिक प्रक्रिया से किए गए थे, इसलिए यह नियुक्तियां भ्रष्टाचार की श्रेणी में आती है।
भूपेंद्र कोरंगा ने कहां कि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल को तत्काल मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए। दोनों पूर्व के विधानसभा अध्यक्षों गोविंद कुंजवाल एवं प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करना चाहिए।
भूपेंद्र कोरंगा ने यह भी कहा कि आज भी पूरे प्रदेश में समस्त बेरोजगार युवा एवं प्रदेश का समस्त जनमानस राज्य बनने के बाद से लेकर अब तक की सारी भर्तियों में सीबीआई जांच की मांग को लेकर डटा हुआ है, और लगातार उत्तराखंड के सभी जनपदों में युवा आक्रोश रैली के माध्यम से सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।