जय बाबा केदार: भव्य आयोजन के साथ बंद हुए श्री केदारनाथ धाम के कपाट, सीएम धामी रहे मौजूद

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विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट भैया दूज (कार्तिक शुक्ल सप्तमी, अनुराधा नक्षत्र) के पावन अवसर पर गुरुवार प्रातः 8:30 बजे विधि-विधानपूर्वक शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।
इस पावन अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं मौजूद रहे और बाबा केदार के चरणों में नमन किया।
कपाट बंद होने से पूर्व केदारपुरी को फूलों से सजाया गया। सेना के बैंड की भक्ति धुनों और “जय बाबा केदार” के गगनभेदी नारों से संपूर्ण धाम गूंज उठा। ठंडी हवाओं के बीच करीब दस हजार श्रद्धालु कपाट बंद होने की इस ऐतिहासिक घड़ी के साक्षी बने।

भोर होते ही मुख्य पुजारी बागेश लिंग और आचार्यगणों ने यज्ञ, हवन और समाधि पूजन किया। इसके बाद भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को कुमजा, बुकला, राख, ब्रह्मकमल व अन्य पुष्पों से ढककर समाधि रूप दिया गया।
तत्पश्चात गर्भगृह के द्वार “जय बाबा केदार” के जयघोष के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।
कपाट बंद होने के पश्चात मुख्यमंत्री धामी की उपस्थिति में मंदिर के पूर्वी और दक्षिणी द्वार भी विधिवत बंद किए गए। इसके बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव डोली को मंदिर की परिक्रमा कर प्रथम पड़ाव रामपुर के लिए रवाना किया गया।


सेना के बैंड, डोली वाहकों और श्रद्धालुओं के जयघोषों से पूरा क्षेत्र भक्तिभाव से सराबोर हो उठा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी विजन के अनुरूप केदारपुरी का भव्य और दिव्य पुनर्निर्माण हुआ है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं।
सीएम ने कहा कि शीतकालीन यात्रा को भी राज्य सरकार बढ़ावा दे रही है ताकि श्रद्धालु चारधामों के गद्दी स्थलों में भी पूजा-अर्चना कर सकें।
उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे शीतकालीन अवधि में भी ऊखीमठ स्थित श्री ओंकारेश्वर मंदिर और अन्य गद्दी स्थलों में पहुंचकर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे स्थानीय व्यापारियों, होमस्टे व होटल संचालकों की आजीविका भी सुदृढ़ होगी।
सीएम धामी ने यात्रा से जुड़े सभी विभागों, सुरक्षा बलों, मंदिर समिति, स्थानीय नागरिकों और स्वयंसेवी संस्थाओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वर्ष 2025 की केदारनाथ यात्रा सफल और सुव्यवस्थित रही।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष कुल 17,68,795 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए, जो पिछले वर्ष की तुलना में करीब सवा लाख अधिक हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा के दौरान प्राकृतिक आपदा को छोड़कर संपूर्ण अवधि में व्यवस्थाएं सुचारु रहीं। शीतकाल में भी धाम में सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ रखी जाएगी और शीतकालीन पूजाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा।
कपाट बंद होने के बाद बाबा केदार की पंचमुखी डोली गुरुवार को रामपुर में रात्रि विश्राम करेगी। शुक्रवार, 24 अक्तूबर को डोली गुप्तकाशी स्थित श्री विश्वनाथ मंदिर पहुंचेगी और वहां रात्रि विश्राम के बाद शनिवार, 25 अक्तूबर को ऊखीमठ स्थित श्री ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होगी।
इस अवसर पर विधायक आशा नौटियाल, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम कठैत, बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी, भाजपा जिलाध्यक्ष भारत भूषण भट्ट, कृषि विपणन बोर्ड अध्यक्ष अनिल डब्बू, बीकेटीसी उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, जिलाधिकारी प्रतीक जैन, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे सहित अनेक जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे।

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