उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में डोकरानी बामक ग्लेशियर में एवलांच हो गया। एवलांच की चपेट में आने से नेहरू पर्वतारोहण संस्थान,निम के 29 लोग फंस गए। इनमें दो लोगों की मौत होने की दुखद सूचना मिल रही है।
एवलांच में फंसे अन्य लोगों को बचाने के लिए एयरफोर्स की मदद ली जा रही है। जानकारी के मुताबिक अब तक 8 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। जबकि अन्य अब भी लापता हैं।
हादसे को लेकर रक्षा मंत्री ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से भी बात की। उन्होंने कहा कि मैंने वायुसेना को बचाव और राहत अभियान चलाने का निर्देश दे दिया है। सीएम धामी ने बताया कि उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात कर रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने के लिए सेना की मदद मांगी है। रेस्क्यू के लिए एयरफोर्स के दी चीता हेलिकॉप्टर लगाए गए हैं
मामले में उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि हिमस्खलन में फंसे 29 प्रशिक्षुओं में आठ को सुरक्षित निकाल लिया गया है। जबकि अन्य को बचाने के लिए वायुसेना के हेलिकॉप्टर तैनात किए हैं। डीजीपी के मुताबिक पर्वतारोहण संस्थान का एक ग्रुप, जो द्रौपदी के डंडा -2 पर्वत शिखर तक के लिए माउंटेनिंग कर रहा था। यह संस्थान 18,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। सुबह करीब 8 बजे हिमस्खलन आया और 29 लोग फंस गए। आठ को टीम के सदस्यों ने फौरन बचा लिया। हालांकि, अभी मौतों को लेकर स्थिति साफ नहीं है।
आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस ने सूचना मिलते ही बचाव अभियान शुरू कर दिया है। सभी घायलों और फंसे हुए लोगों को पहले लगभग 13,000 फीट की ऊंचाई पर एक हेलीपैड पर ले जाया जाएगा, जहां से उन्हें मतली हेलीपैड लाया जाएगा। इसके बाद उन्हें आईटीबीपी के अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।