पहाड़ों में खड़ी होली गायन का आगाज हो गया है। गुरुवार को विभिन्न मंदिरों और गावों में होली की चीर बांधी गई और होली के कपड़ों पर रंग धारण किया गया। अब पहाड़ के गांव एक सप्ताह तक खड़ी और बैठकी होली के खुमार में डूबे रहेंगे। आठ मार्च को छलडी पर्व के साथ होली महोत्सव का समापन होगा।
बागेश्वर के बागनाथ मंदिर में होल्यरों ने भगवान शिव को अबीर गुलाल अर्पित कर चीर बांधी और होली गायन किया। ग्रामीण अंचलों में भी होली गायन की शुरुआत हुई। कुमाऊं के अन्य पहाड़ी जिलों में भी होली गायन की शुरुआत हो गई है।