हाथ में लेकर सरयू का जल, सरकार से मांगा सुरक्षित कल

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बागेश्वर। पुरानी पेंशन बहाल करने की माग को लेकर पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा लगातार संघर्षरत है। कई आंदोलनों के बाद भी पुरानी पेंशन बहाल नहीं होने से कर्मचारियों में नाराजगी है। अब कर्मचारियों ने आंदोलन को नई दिशा देते हुए यात्रा और जल सत्याग्रह का सहारा लिया है। पुरानी पेंशन बहाली मोर्चा के सदस्यों ने सरयू नदी का पावन जल हाथ में लेकर संकल्प लिया कि जब तक सरकार पुरानी पेंशन सरकार बहाल नहीं कर देती मोर्चा के सदस्य संघर्ष से पीछे नहीं हटेंगे।

पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा इन दिनों पेंशन प्रकाश यात्रा निकाल रहा है। बुधवार को यात्रा मुनस्यारी से कपकोट होते हुए बागेश्वर पहुंची। बागेश्वर के सरयू बगड़ में मोर्चा के सदस्यों ने कुली बेगार आंदोलन की तर्ज पर सरयू के जल को हाथ में लेकर संघर्ष को धार देने का संकल्प लिया। मोर्चा के प्रांतीय अध्यक्ष और यात्रा संयोजक मुकेश प्रसाद बहुगुणा ने कहा कि वर्ष 2005 के बाद नियुक्त हुए कर्मचारियों के साथ सरकार ने नई पेंशन स्कीम के नाम पर छलावा किया है। कहा कि नई पेंशन शेयर बाजार पर आधारित है। इस स्कीम के रहते कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित नहीं रह सकता। इस दौरान सभी कर्मचारियों ने सरयू नदी के जल से संकल्प लिया कि भविष्य में चाहे कितना ही संघर्ष करना पड़े वह अपना हक हासिल करके ही रहेंगे।

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इससे पूर्व कपकोट में भी यात्रा का जोरदार स्वागत हुआ। ग्रामीण उत्थान समिति के अध्यक्ष और सामाजिक कार्यकर्ता उमेश जोशी ने कपकोट में हुए कार्यक्रम में शिरकत करते हुए कहा कि सरकार को कर्मचारियों की मांगों को जल्द पूरा करना चाहिए। उन्होंने कर्मचारियों की पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की मांग का समर्थन किया और जनता से भी इसमें सहयोग करने की अपील की। कार्यक्रम में मोर्चा के प्रदेश संयोजक मिलिंद बिष्ट, योगेश घिल्डियाल, पंकज ध्यानी, सुबोध नेगी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य आलोक पांडेय, कैलाश अंडोला, केसी मिश्रा, विजय गोस्वामी, डॉ हरीश दफौटी, माया चंदोला, ममता पांडे आदि मौजूद रहे।

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