बागेश्वर। जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने शुक्रवार को जल संरक्षण और संवर्धन के लिए विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। जिसमें जल संस्थान, पेयजल, जल निगम,सिंचाई विभाग, वन विभाग एवं कृषि विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। जिलाधिकारी ने कहा कि गांव के ऐसे पारम्परिक जल स्रोत,नदी,जो सुख रहें या जिसमें पानी कम हुआ है ऐसे जल स्रोतों की पहचान एवं चिन्हीकरण के लिए सर्वे करवाए जाय। तथा एक सप्ताह के भीतर ऐसे जल स्रोतों की डीपीआर भी तैयार कर ली जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि गर्मियों में पेयजल का संकट ज्यादा होता है। इसलिए पेयजल आपूर्ति की सुचारू व्यवस्था बनाए रखने तथा जल स्रोतों तथा नौलों की वस्तुस्थिति की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर समस्याओं के समाधान में उचित कदम उठाएं जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि किसानों की सिंचाई की आवश्यकता को देखते हुए नदियों एवं जल स्रोतो में पानी की वास्तविक स्थिति का आंकलन करते हुए चिन्हित कर लिया जाय।
जिलाधिकारी ने जल संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रभावी रूप से काम करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि सभी विभाग आपसी सामंजस्य से जल स्रोत के संरक्षण और संवर्धन के लिए नई तकनीक के साथ-साथ पारम्परिक उपायों पर भी तेजी से काम करें। तथा वर्षा जल को संरक्षित करने हेतु ठोस कार्ययोजना तैयार कर प्रभावी कदम उठाए जाए।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आरसी तिवारी, परियोजना निदेशक शिल्पी पंत आदि मौजूद रहे।