
बागेश्वर। जिलाधिकारी आकांक्षा कोंड़े की अध्यक्षता में सोमवार को गरुड़ ब्लॉक में आयोजित जनता दरबार में आमजन की समस्याओं को गंभीरता से सुना गया। शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही पर जिलाधिकारी ने कड़ा रुख अपनाते हुए पीएमजीएसवाई के अभियंता सहित जल संस्थान और जल निगम के अधिकारियों से स्पष्टीकरण तलब किया।
जनता दरबार में कुल 52 शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें पेयजल, आपदा, विद्युत, वन, आवारा पशु, सड़क, सिंचाई एवं शिक्षा से जुड़े मामले प्रमुख रहे। प्रशासन ने अधिकांश शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण किया, जबकि शेष को संबंधित विभागों को त्वरित कार्रवाई के लिए भेजा गया।
आपदा से संबंधित मामलों पर जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि परिसम्पत्ति क्षति का आकलन निर्धारित मानकों के अनुरूप किया जाए और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वन विभाग को योजनाओं को सुदृढ़ करने, अधिक फलदार पौधारोपण करने और जंगली जानवरों से होने वाले नुकसान पर स्पष्ट नीति लागू करने के निर्देश दिए गए।
पेयजल समस्या को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि हर घर तक स्वच्छ पानी पहुंचाना प्रशासन की जिम्मेदारी है। विद्युत विभाग को सभी लाइनों और तारों की सुरक्षित स्थिति का प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने और सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया।
उन्होंने सभी विभागों में बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य की और कहा कि कर्मचारियों की उपस्थिति का दैनिक विश्लेषण किया जाए। कार्यालयाध्यक्षों को निर्देशित किया गया कि वे अपने कार्यालयों में उपस्थिति पर कड़ी निगरानी रखें।
जिलाधिकारी ने सीएम हेल्पलाइन की भी समीक्षा की और कहा कि कोई भी शिकायत लंबित नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रशासन का एकमात्र उद्देश्य जनता की सेवा है।
बैठक में नकारात्मक समाचारों की समीक्षा करते हुए संबंधित विभागों को तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया।
दर्जा राज्यमंत्री शिव सिंह बिष्ट ने कहा कि जनता दरबार आमजन की समस्याओं के समाधान का प्रभावी माध्यम है और सभी अधिकारियों को संवेदनशीलता के साथ कार्य करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में ब्लॉक प्रमुख किशन सिंह बोरा, जिला पंचायत सदस्य जनार्दन लोहनी, मुख्य विकास अधिकारी आरसी तिवारी, एसडीएम अनिल चनियाल सहित सभी जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।





