
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक संपन्न हो गई है।आज की बैठक में आए 17 मामले आए हैं शिक्षा विभाग में सीएम के निर्देश लोक संस्कृति और राज्य आंदोलन की कहानी कक्षा 6 से 8 तक पढ़ाया जाएगा शिक्षा विभाग के तहत 10 क्लास के बाद पॉलिटेक्निक करने को अब प्लस 12 के सैंपल समकक्ष माना जाएगा। चीनी मिलो के तहत मूल्य घोषित हुआ अगेती के लिए 375 और समान्य के लिए 365 रखा गया हैं। वरिष्ठ अधीक्षक कारागार की नियमावली बनाई गई। कार्मिक विभाग अहकारी सेवा सिथिलिकारण का सभी कर्मचारियो को मिलेगा लाभ।मुख्य व्यवस्था अधिकारी राज्य सम्पत्ति की नियमावली बनाई गई।
महिलाओ को मिलेगी लोन सब्सिडी, मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना।
मिनिस्टटियाल सेवा में 13 कनिष्ठ सहायक के पद का हुआ सृजन240 पद स्टाम्प और निबंधक विभाग में 29 नए पद बनाये गए
अपर पुलिस अधीक्षक के वेतनमान को लेकर नियमावली को मंजूरी
ट्रॉउट मछली को बढ़ावा देने के लिए योजना 200 करोड़ की राशि हुई मंजूर
सतर्कता विभाग में रीवालविंग फंड के उपयोग को लेकर नियमावली
पराग फार्म की भूमि सिडकुल को देने को मंजूरी
गोला, कोसी, दबका नदी में सुरक्षा और सीमांकन के लिए जो शुल्क दिया जाता हैं उसे सशोधित किया गया हैं
आबकारी नीति की मंजूरी, उप दुकाने नहीं खोली जाने को लेकर हुआ फैसला, साथ ही उत्तराखंड के स्कूल मंदिर के आसपास निश्चित दूरी में नहीं खोली जा सकेगी दुकान
शिक्षा विभाग में सीएम के निर्देश लोक संस्कृति और राज्य आंदोलन की कहानी कक्षा 6 से 8 तक पढ़ाया जाएगा।
देहरादून उत्तराखंड सरकार ने नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है वर्ष 2025 26 में नई आबकारी नीति में उप ठेका न खोलने का प्रावधान किया गया है। धार्मिक स्थलों से एक निश्चित दूरी के आधार पर ही शराब ठेके खुल सकेंगे जबकि जिन स्थानों पर पूर्व में प्रतिबंध लागू था उसे पर प्रतिबंध पर कार रहेगा सचिव कार्मिक गृह शैलेश बगौली ने कहा है की आबकारी नीति में और अधिक जानकारी के लिए अलग से प्रेस नोट किया जाएगानिवेश की ओर रोजगार के अवसर राजस्व के नए आयाम)उत्तराखण्ड राज्य में भारतीय संविधान की मद्यनिषेध भावना का सम्मान करते हुए तथा न्यूनतम मदिरा उपभोग से अधिकतम राजस्व अर्जित करने के उद्देश्य से नई आबकारी नीति-2025 लागू की गई है। पिछले दो सालों में आबकारी राजस्व में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। इसी उपलब्धि को आगे बढ़ाते हुए विभाग द्वारा कड़ी मेहनत कर वित्तीय वर्ष 2025-26 हेतु एक विशाल ऐतिहासिक वि वृद्धि के साथ 5060 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया है। इस नीति के अंतर्गत प्रदेश में मदिरा संबंधी व्यवसाय को नियंत्रित, पारदर्शी और जनहितकारी बनाना सुनिश्चित किया गया है।आबकारी नीति तैयार करने से पूर्व विभाग द्वारा मा० मंत्रीगण उत्तराखंड सरकार व मा० नेता प्रतिपक्ष से लिखित में सुझाव आमंत्रित किए गए थे।निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से आबकारी नीति-2025 की प्रमुख विशेषताएँ प्रस्तुत हैं-मद्यनिषेध क्षेत्र में प्रतिबंधजनसंवेदनाओं को राजस्वहित से सर्वोपरि रखते हुए एवं धार्मिक क्षेत्रों की पूरे विश्व में विशेष महत्ता के दृष्टिगत मद्य निषेध क्षेत्र एवं उसके निकटवर्ती संचालित मदिरा की बिक्री करने वाले अनुज्ञापनों को बंद किए जाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है।उप-दुकान की व्यवस्था का समापनआबकारी नीति-2025 में वित्तीय वर्ष में वर्तमान संचालित उप दुकानों / Sub Shops की व्यवस्था को समाप्त किया गया है।मैट्रो मदिरा बिक्री व्यवस्था का समापननई नीति में राज्य में संचालित मैट्रो मदिरा बिक्री व्यवस्था को पूर्णतः समाप्त कर दिया गया है, जिससे व्यवसाय पारदर्शी रहे एवं उपभोक्ताओं को नियंत्रित एवं सुव्यवस्थित सेवाएँ उपलब्ध हो सकें।ओवररेटिंग पर लाइसेंस निरस्त का प्रावधानसरकार ने ओवररेटिंग की शिकायत पर सख्त कार्रवाई करते हुए मदिरा दुकानों के लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया है। इस कदम से उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा को प्राथमिकता देते हुए, अनियमित वसूली पर प्रभावी रोक लगाई जा सकेगी।डिपार्टमेंटल स्टोर पर भी लागू होगी MRPवर्ष 2013 में लागू की गई डिपार्टमेंटल स्टोर नियमावली के अंतर्गत इन प्रतिष्ठानों को मनमाने दाम वसूलने की लगभग असीम छूट प्राप्त थी। वर्तमान सरकार ने उपभोक्ताओं के हितों को सर्वोपरि रखते हुए, डिपार्टमेंटल स्टोर्स में अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) को अनिवार्य कर दिया है। साथ ही, ओवररेटिंग की शिकायत पर लाइसेंस निरस्त करने का प्रावधान भी लागू किया गया है, जिससे उपभोक्ता शोषण पर प्रभावी रोक लगाई जा सके।. राजस्व लक्ष्य एवं उपलब्धियोंवित्तीय वर्ष 2023-24 में निर्धारित 4000 करोड़ रुपये के लक्ष्य के विरुद्ध 4038.69 करोड़ रुपये का आबकारी राजस्व अर्जित किया गया।वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु 4439 करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित है, जिसके सापेक्ष वर्तमान तक लगभग 4000 करोड़ रुपये की प्राप्ति हो चुकी है।
आबकारी नीति को मंजूरी, ये हुए प्रावधान। उत्तराखंड सरकार ने नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है वर्ष 2025 26 में नई आबकारी नीति में उप ठेका न खोलने का प्रावधान किया गया है। धार्मिक स्थलों से एक निश्चित दूरी के आधार पर ही शराब ठेके खुल सकेंगे जबकि जिन स्थानों पर पूर्व में प्रतिबंध लागू था उसे पर प्रतिबंध पर कार रहेगा सचिव कार्मिक गृह शैलेश बगौली ने कहा है की आबकारी नीति में और अधिक जानकारी के लिए अलग से प्रेस नोट किया जाएगा। निवेश की ओर रोजगार के अवसर राजस्व के नए आयाम)उत्तराखण्ड राज्य में भारतीय संविधान की मद्यनिषेध भावना का सम्मान करते हुए तथा न्यूनतम मदिरा उपभोग से अधिकतम राजस्व अर्जित करने के उद्देश्य से नई आबकारी नीति-2025 लागू की गई है। पिछले दो सालों में आबकारी राजस्व में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। इसी उपलब्धि को आगे बढ़ाते हुए विभाग द्वारा कड़ी मेहनत कर वित्तीय वर्ष 2025-26 हेतु एक विशाल ऐतिहासिक वि वृद्धि के साथ 5060 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया है। इस नीति के अंतर्गत प्रदेश में मदिरा संबंधी व्यवसाय को नियंत्रित, पारदर्शी और जनहितकारी बनाना सुनिश्चित किया गया है।आबकारी नीति तैयार करने से पूर्व विभाग द्वारा मंत्रीगण उत्तराखंड सरकार व नेता प्रतिपक्ष से लिखित में सुझाव आमंत्रित किए गए थे।